सावन के महीनों में इन मंदिरों का जरूर करे दर्शन, मनोकामना होगी पुरी
सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुकी है, जोकि 12 अगस्त तक रहेगी। सावन के महीनों देवों के देव महादेव की पुजा की जाती है। सावन के महीने हर दिन भगवान भोलेबाबा की पुजा कि जाती है। सावन माह में शिवजी के
सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुका है, जोकि 12 अगस्त तक रहेगा। सावन के महीनों देवों में के देव महादेव की हर दिन पूजा की जाती है। सावन माह में शिवजी के मंदिरों में भी पूजा-पाठ के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। यही कारण है कि सावन के पूरे महीने शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी होती है।
महाकालेश्वर मंदिर- उज्जैन में स्थिती महाकालेश्वर मंदिर का 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है। महाकालेश्वर मंदिर का जिक्र कई पुराणों में किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की प्रतिमा है और यहां भगवान शिव की मूर्ति दक्षिण मुखी है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- गुजरात में द्वारकाधाम से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में दसवें स्थान पर है। सावन माह में इस मंदिर के दर्शन से पुण्य मिलता है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को लेकर कई कथाएं भी प्रचलित है।
पशुपतिनाथ का मंदिर- मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित पशुपतिनाथ का यह मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है। मंदिर में विराजमान प्रतिमा में अलग-अलग मुद्रा में आठ मुख हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर- 12 ज्योतिर्लिंगों में शिवजी का काशी विश्वनाथ मंदिर भी एक है। यह मंदिर वाराणसी में स्थित है। पवित्र गंगा नदी के शहर वाराणसी में स्थित इस मंदिर के दर्शन का काफी महत्व है। खासकर सावन के महीने में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है। मान्यता है कि वाराणसी में इस मंदिर के दर्शन और गंगा स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सोमनाथ मंदिर- गुजरात में स्थिति शिवजी का सोमनाथ का मंदिर के लिए देश विदेश से लोग पहुंचते है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, स्वंय चंद्रदेव ने इस मंदिर का निर्माण किया था।
बाबा बैधनाथ का मंदिर- झारखंड के देवघर में बाबा वैद्यनाथ धाम में भी सावन के मौके पर शिवभक्तों की भारी भीड़ उमर पड़ती है। शिवभक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल कांवर में रखकर करीब 120 किलोमीटर नंगे पांव चलकर बाबा वैद्यनाथ मंदिर पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।