ॐ लोक आश्रम: हम शांत कैसे रहें? भाग-2

उसकी इच्छाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। वो फलों से चिपका हुआ है फलों के कारण उसे दिमाग में कई तरह के तनाव हैं और जब भी वो सामने किसी दूसरे व्यक्ति को पाता है अपना सारा तनाव उसपर उड़ेल देता है।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

उसकी इच्छाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। वो फलों से चिपका हुआ है फलों के कारण उसे दिमाग में कई तरह के तनाव हैं और जब भी वो सामने किसी दूसरे व्यक्ति को पाता है अपना सारा तनाव उसपर उड़ेल देता है। वह अपशब्दों के रूप में हो सकता है, तंज के रूप में हो सकता है, गाली के रूप में हो सकता है। कभी कुछ निगेटिव काम के रूप में भी हो सकता है। लेकिन आप के अंदर अगर उस चीज ने विकार उत्पन्न नहीं किया तब ही आप सफल व्यक्ति हैं और विकार तब उत्पन्न नहीं करेगा जब आप उसके पीछे का कारण जानेंगे। 

अगर कोई व्यक्ति है और आपको पता है कि चार लोगों ने उसे मारा है और वो आकर आपसे बदतमीजी करने लगे तो आप जानोगे कि यह पिटा हुआ है इसके अंदर गुस्सा है और इसी वजह से ये बदतमीजी कर रहा है। इसी तरह हर व्यक्ति अपने अंदर बहुत सारी समस्याएं और बहुत सारे तनाव लिए घूम रहा है और वो तनाव जब आप उसके सामने पड़ते हो तो उसमें से कुछ हिस्सा वो आपको दे देता है क्योंकि कोई व्यक्ति वही चीज आपको देगा जो उसके पास है जो उसके पास है ही नहीं ऐसी चीज वो दे ही नहीं सकता। ये संभव ही नहीं है कि मेरे पास कुछ नहीं है और मैं कुछ दे दूं। 

अगर मेरे पास प्रसन्नता नहीं है मैं दूसरे को दूंगा नहीं, अगर मेरे पास दुख है तो मैं दूसरे को दूंगा। अगर कोई व्यक्ति मुझे दुख दे रहा है तो मेरे पास दो विकल्प हैं या तो मैं उस दुख को ले लूं या उसे अपने शरीर से लग जाने दूं और नीचे गिरकर खत्म वो खत्म हो जाये। यही काम करना है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि समुद्र उद्वेलित नहीं होता। चीजें आती हैं समाकर गायब हो जाती हैं। इसी तरह से किसी के दुख, किसी के तनाव, किसी की बातें आपके पास आएं और आकर खत्म हो जाएं, कोई चुगली आपसे करे वो करता रहे, वो चुगली आपको उद्वेलित न करे जिस तरह समुद्र उद्वेलित नहीं होता। 

आप परम शांति की अवस्था में रहोगे। आपके अंदर वो बुराईयां विकार उत्पन्न न करे ये महत्वपूर्ण प्रश्न है। क्योंकि अगर वो विकार उत्पन्न कर रही हो और आप जान-बूझकर उसको दबा रहे हो तो वो एक दिन विस्फोट बनकर निकलेगा। भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि जो मन से विचार करता रहता है और उसे जबरदस्ती दबा कर रखता है वो बहुत खतरनाक स्थिति होती है उसे भगवान कृष्ण ने चोर कहा है। वो अपने आप से झूठ बोल रहा है। आपको ऐसी अवस्था में रहना है इस तरीके रहना है कि चीजें आपके पास आएं और तिरोहित होकर निकल जाएं। जिस तरह भगवान बुद्ध के साथ होता था।

calender
25 March 2023, 08:18 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो