ॐ लोक आश्रम: भारत का समाज कैसा था? भाग-1

आज हम जिस संसार में रह रहे हैं हम मानते हैं कि हमारा समाज, हमारा संसार सबसे विकसित समाज है। मानव सभ्यता के इस युग में हम अपने आपको सबसे विकसित मानते हैं।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

आज हम जिस संसार में रह रहे हैं हम मानते हैं कि हमारा समाज, हमारा संसार सबसे विकसित समाज है। मानव सभ्यता के इस युग में हम अपने आपको सबसे विकसित मानते हैं। चाहे हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम हो, चाहे हमारी सिविल सोसायटी हो चाहे हमारा स्टेट हो, चाहे हमारे ह्यूमन राइट्स हों, चाहे हमारे एनीमल राइट्स हों। हम हर परिस्थिति में मानते हैं कि हम सर्वोत्तम हैं और ऐसा समाज पहले कभी नहीं रहा।

हम मानकर चलते हैं कि पुराने मनुष्य बर्बर थे, असभ्य थे और धीरे-धीरे सभ्य होते हुए हम इस स्वरूप में आए हैं। कम से कम पाश्चात्य जगत तो शत प्रतिशत यही मानता है और आजकल भारतीय समाज भी लगभग यही मान रहा है। प्राचीन भारत में एनीमल राइट्स की क्या स्थिति थी और मानव समाज कितना सहृदय और सजग था जीवों को लेकर। विशेष रूप से हमारा सनातन को माने वाला समाज कैसा था।

एक कहानी महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में लिखी है बात उस समय की है जब भगवान राम अयोध्या आ चुके हैं उनका राज्य निष्कंटक रूप से चल रहा है। भगवान राम बड़े ही न्यायप्रिय राजा थे। कोई भी याचक जो न्याय मांगना चाहता था वो उनके पास आ सकता था। किसी भी समस्या को लेकर कोई भी आ सकता था और भगवान राम उसकी समस्या सुलझाते थे। कहानी के अनुसार एक बार एक कुत्ता भगवान राम के दरबार में न्याय मांगने आ गया।

भगवान राम ने उसे कुत्ते से पूछा कि आपकी क्या समस्या है किसने आपके ऊपर अत्याचार किया। कुत्ते ने कहा कि एक ब्राह्मण ने मेरे सिर में लाठी मार दी है जबकि मेरी कोई गलती नहीं थी। मुझे न्याय चाहिए। भगवान राम ने दूतों को भेजकर उस ब्राह्मण को बुलवाया और उससे पूछा कि आप पर इस कुत्ते को मारने का आरोप है। ब्राह्मण ने कहा कि हां मैं भिक्षा न मिलने से खिन्न था ये रास्ते में आया मैंने हटने को कहा नहीं हटा तो मैंने इसके सिर पर लाठी मार दी।

सभासदों ने अपनी-अपनी राय दी कि आखिर ब्राह्मण को क्या सजा दी जाए तब जाकर भगवान राम ने कहा कि न्याय व्यवस्था की ये मांग है कि जिसके ऊपर अत्याचार हुआ है उसकी बात भी सुनी जाए वो क्या चाहता है उसकी संतुष्टि भी जरूरी है। रामराज्य में भगवान राम की ये सोच थी कि वो कुत्ते से भी पूछ लेते हैं कि वो क्या चाहता है। कुत्ते से पूछा गया कि क्या दंड चाहते हो आप, तो उसने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस पंडित को मठाधीश बना दिया जाए। भगवान राम ने कहा कि तुम्हारा यही दंड है तो इस पंडित को मठाधीश बना देते हैं और उसे मठाधीश बना दिया। 

calender
18 March 2023, 02:25 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो