अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 18-19 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी।
अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 18-19 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी।
होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन 17 मार्च को और होली 18 एवं 19 मार्च को खेली जाएगी। हिन्दू पंचांग के मुताबिक इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को पड़ रही है। ऐसे में होलिका दहन गुरुवार को होगा। इस के अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 18-19 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी।
होली का त्योहार होलिका दहन मुख्य रूप से विष्णु भक्त प्रहलाद से जुड़ा हुआ है। इस प्रथा के चलते हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंगवाली होली को राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में मनाया जाता है। लेकिन प्रत्येक स्थानों पर होली मनाने के अपने-अपने तरीके हैं। जैसे प्रयागराज में होली के पूर्व हथौड़ा बारात बड़े धूमधाम से निकाली जाती है, जिसमें शहर के कई अधिकारी व व्यापारी भी शामिल होते हैं।
इसी प्रकार दारागंज में मुद्गर प्रतियोगिता आयोजित होती है। जिसमें एक लाख रूपये का ईनाम रखा जाता है। प्रयागराज की कपड़ा फाड़ होली विशेष प्रसिद्ध है, जो पूरे देश में कही नहीं मनाई जाती है। यह होली के ठीक दूसरे दिन चौक ऐतिहासिक लोकनाथ चौराहे पर हजारों की संख्या में डीजे की धुन एवं पानी के फौव्वारों के बीच एक-दूसरे का कपड़ा फाड़ते हुए जमकर मस्ती होती है। होली के दो दिन बाद चौक के ठठेरी बाजार में दो दिनों के लिए जाना प्रतिबंधित हो जाता है। यहां के लोग केवल आपस में जम कर होली खेलते हैं।
होलिका दहन का समय होलिका दहन के लिए ज्योतिषाचार्य पं. देवकी नंदन मिश्र के मुताबिक फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 1 :29 से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12 :47 तक है। जिसके मुताबिक होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 17 मार्च की रात 9 :20 मिनट से लेकर रात 10 :31 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त में ही होलिका दहन करना उपयुक्त माना जाता है। वहीं कुछ ज्योतिषाचार्य होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च की रात 09 :06 से रात 10 :16 तक बताते हैं।