Raksha Bandhan: अगर आप 12 अगस्त को मना रहे रक्षाबंधन तो रखें इन बातों का ख्याल

Rakshabandhan: हिंदू धर्म में भद्रा नक्षत्र में किया गया कोई भी कार्य शुभ नहीं माना जाता है। भद्रा नक्षत्र में युद्ध, रक्षाबंधन, यात्रा को अशुभ माना जाता है। आचार्यो के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार पूर्ण उदया तिथी

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Rakshabandhan: हिंदू धर्म में भद्रा नक्षत्र में किया गया कोई भी कार्य शुभ नहीं माना जाता है। भद्रा नक्षत्र में युद्ध, रक्षाबंधन, यात्रा को अशुभ माना जाता है। आचार्यो के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार पूर्ण उदया तिथी को मनाया जाता है। इस तिथी में बधंने अपने भाइयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधेगी।  भाई अपनी बहन की ताउम्र रक्षा करने की सौगंध लेंगे। हिंदू धर्म के कैलेंडरों में इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को दिया गया है। तारीख को लेकर आम जन मानस में बड़ी ही संशय की स्थिति है। यह सुबह 11 अगस्त 10:30  से पुर्णिमा 12 अगस्त सुबह 07: 16 मिनट तक रहेगा। इसके उपरांत बहनें भाइयों को राखी बांध सकेगी। लेकिन रात में यह त्यौहार नहीं मनाया जाता है। इसलिए दूसरे दिन 12 अगस्त को सुबह 7: 16 मिनट तक मनाया जाएंगा।
 
 
राखी बांधने की विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बधंवाते समय भाई का मुख पूर्व व उत्तर दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए। माना जाता है कि बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं, घी के दीपक का आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें।
First Updated : Thursday, 11 August 2022