Ram Navami 2023: कैसे जन्मे प्रभु श्रीराम, क्या है राम लला के जन्म की कहानी?

Ram Navami 2023: इस बार 30 मार्च 2023 को राम नवमी का त्योहार मनाया जायेगा।इस दिन सुबह 11:11 मिनट से दोपहर 1.40 तक श्रीराम की पूजा करने का शुभ मुहूर्त निकला है। इस विशेष दिन पर देशभर में भगवान श्रीराम का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Shweta Bharti
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Ram Navami 2023: इस बार 30 मार्च 2023 को राम नवमी का त्योहार मनाया जायेगा।इस दिन सुबह 11:11 मिनट से दोपहर 1.40 तक श्रीराम की पूजा करने का शुभ मुहूर्त निकला है। इस विशेष दिन पर देशभर में भगवान श्रीराम का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

मान्यता है कि इस साल गुरुवार के दिन राम नवमी पड़ने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है, क्योंकि श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और बृहस्पतिवार श्रीहरि विष्णु का दिन माना जाता है।जो भी व्यक्ति इस दिन कर्म करते हैं उनका फल जल्द ही मिलता है।

राम नवमी तो कई लोग मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म कब हुआ था। साथ ही उनका नामकरण किस ने किया था।आइए जानते है कि प्रभु श्री राम इस दुनिया में किस तरह से प्रकट हुए थे क्या हैं उनके जन्म को लेकर अनेक कथाएं?

ऐसे जन्मे प्रभु श्री राम

धर्म ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि भगवान श्रीराम का जन्म त्रेता युग में हुआ था।माना जाता है कि जब अयोध्या के राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराया था ।कहते है कि इस यज्ञ को करने लिए कई बड़े-बड़े मनस्वी, तपस्वी, विद्वान, ऋषि-मुनियों साथ ही वेदविज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों ने यह यज्ञ संपन्न किया था।

यज्ञ के दौरान वहां के लोगों ने खीर का प्रसाद चढ़ाया था।राजा दशरथ ने खीर का प्रसाद अपनी तीनों रानियों में वितरित कर दिया।इस प्रसाद के सेवन से राजा की तीनों रानियों ने चैत्र शुक्ल नवमी को कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी ने चार पुत्रों को जन्म दिया।

किस ने किया प्रभु श्रीराम का नामकरण?

चैत्र शुक्ल नवमी के दिन माता कौशल्या की कोख से नील वर्ण, तेजस्वी, परम कान्तिवान, अति सुंदर बालक का जन्म हुआ। रघुवंशियों के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने प्रसन्न होकर सुदर बालक का नाम रामचंद्र रख दिया। वशिष्ठ ने बताया कि राम शब्दका दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना हुआ है।

इसके साथ ही राजा की अन्य रानियों ने भी पुत्र को जन्म दिया।माता सुमित्रा मे लक्ष्मण और शत्रुघ्न और माता कैकेयी ने भरत को जन्म दिया। कहा जाता है कि राजा के सभी बेटों का नामकरण वशिष्ठ ऋषि ने किया था।

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29 March 2023, 02:15 PM IST

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