3 मार्च को है रंगभरी एकादशी, बन रहे कई शुभ योग, इन उपाय के करने से होगा धन संकट दूर
2023 में रंगभरी एकादशी 3 मार्च यानी शनिवार को मनाई जाएगी आपको बता दें कि इस बार रंगभरी एकादशी में कई शुभ योग बन रहे हैं 3 मार्च को होने वाली एकादशी सुहागन महिलाओं के लिए सुख और सौभाग्य लेकर आ रहा है।
2023 में रंगभरी एकादशी 3 मार्च यानी शनिवार को मनाई जाएगी आपको बता दें कि इस बार रंगभरी एकादशी में कई शुभ योग बन रहे हैं 3 मार्च को होने वाली एकादशी सुहागन महिलाओं के लिए सुख और सौभाग्य लेकर आ रहा है।
एकादशी के दिन कुछ उपायो को करके धन की कमी को दूर किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी पर होने वाले शुभ योग और धन को दूर करने के उपायों के बारे में
इस वर्ष रंगभरी एकादशी का पर्व 3 मार्च शनिवार को मनाया जाएगा इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को रंग और गुलाल चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती को गौना कराकर ले गए थे इसलिए इस दिन काशी में बाबा विश्वनाथ और माता गौरी की विशेष पूजा-अर्चना होती है।
पूजा के बाद माता गौरी और बाबा विश्वनाथ को पूरे नगर में भ्रमण कराया जाता है भक्त माता गौरी और शिव जी को रंग और गुलाल चढ़ाते हैं। आपको बता दें कि काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपति भट्ट के अनुसार इस साल रंगभरी एकादशी 3 मार्च को मनाया जाएगा। जिसमें बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं विशेषकर सुहागिन महिलाओं के लिए सुख और सौभाग्य प्रदान करने वाले योग्य बन रहे हैं।
रंगभरी एकादशी में बनने वाले शुभ योग
हर वर्ष रंगभरी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रंगभरी एकादशी की तिथि 2 मार्च को सुबह 6:39 बजे से लेकर 3 मार्च को सुबह 9:11 बजे तक है आपको बता दें कि 3 मार्च को सूर्योदय के समय एकादशी तिथि शुरू हो जाएगा। रंगभरी एकादशी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं पहला शोभन योग दूसरा स्वार्थ सिद्धि योग और तीसरा सौभाग्य योग बन रहे हैं।
स्वर सिद्धि योग सुबह 6:45 बजे से दोपहर 3:45 बजे तक रहेगा वही सौभाग्य योग सुबह सुबह से शुरू होकर शाम 6:45 तक रहेगा और इसके बाद शोभन योग प्रांरभ हो जाएगा आपको बता दें कि 3 मार्च को होने वाली रंगभरी एकादशी सुख सौभाग्य लेकर आई है।
एकादशी के दिन प्रात काल में सौभाग्य योग बन रहे हैं इस समय में अगर सुहागिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करके माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करती है तो उनको अखंड सौभाग्य होने का वर प्राप्त होता है। उनकी पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है।
रंगभरी एकादशी के दिन आमलकी एकादशी का भी योग बन रहा है, इसे आंवला एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखकर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं। और भक्त आंवले के पेड़ की 11 या 21 बार परिक्रमा करके कच्चा सूत आंवले के पेड़ में लपेटते हैं। इस व्रत को करने से आप सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। ऐसा मान्यता है कि इस तरह भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
रंगभरी एकादशी के दिन आप कुछ उपाय करके सुख सौभाग्य को प्राप्त कर सकते हैं
एकादशी के दिन आप प्रातः उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें भगवान शिव को बेलपत्र भांग गंगाजल गाय का दूध पुष्प बेल आदि अर्पित करें दोनों को गुलाल भी अर्पित करें ऐसा करने से भगवान शिव और शक्ति की कृपा से आपके घर परिवार में सुख और समृद्धि आएगी।
शास्त्रों में लिखा है कि भगवान शिव को बिना टूटे हुए अक्षत अर्पित करने से धन का संकट दूर होता है। जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है, या दांपत्य जीवन में कुछ समस्याएं हैं तो वह रंगभरी एकादशी का व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा अर्चना करके वरदान पा सकते हैं।
माना जाता है कि ऐसा करने से उनके विवाह योग बनता है। विवाहित जोड़ा यानी पत्नी-पति के साथ पूजा करें तो यह ज्यादा फलदाई होगा इससे दांपत्य जीवन सुखमय होगा।