NAVRATRON_KE_RANG_JBT_KE_SANG : नवरात्रि शायद सबसे अधिक पूजनीय भारतीय त्योहारों में से एक है, जहां ज्यादातर लोग 9 दिनों का उपवास रखते हैं। इस साल नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो चुकी है और इसकी तैयारियां भी जोरों पर हैं। कोरोना काल की वजह से पिछले दो साल नवरात्रि का त्यौहार थोड़ा फीका रहा था।
लेकिन इस वर्ष एक अलग ही उत्साह और उमंग माता के भक्तों में दिखाई पड़ रही है। आपको बता दें कि आप मां की आराधना घर बैठे-बैठे भी कर सकते हैं। दरअसल, इस लेख में हम आपको भारत की उन जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां मां की पूजा अलग-अलग तरीकों से की जाती है।
दिल्ली में नवरात्रि - Navratri in Delhi
देश की राजधानी दिल्ली में नवरात्रि और दुर्गा पूजा के उत्सव एक साथ आते हैं। दिल्ली में बंगालियों की एक बड़ी आबादी है और इसलिए शहर में शानदार दुर्गा पूजा का आयोजन होना भी लाजमी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि दिल्ली में डांडिया नाइट नहीं होती, हालांकि महाराष्ट्र और गुजरात की डांडिया नाइट का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन फिर भी आपको दिल्ली में कुछ जगह डांडिया नाइट देखने को मिल जाएगी, जहां इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। नवरात्रि का शानदार आयोजन रामलीला मैदान में भी किया जाता है।
मध्य प्रदेश में नवरात्रि - Navratri in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के देवास में मां चामुंडा-तुलजा भवानी देवी मंदिर स्थित है। यह 52 शक्तिपीठों में से एक है। अन्य शक्तिपीठों पर माता सती के अंग और आभूषण गिरे थे लेकिन यहां माता सती का रक्त गिरा था। यह मंदिर क्षिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले मां चामुंडा और तुलजा भवानी के दर्शन के लिए आते हैं।
गुजरात में नवरात्रि - Navratri in Gujarat
गुजरात एकमात्र ऐसा स्थान है जहां नवरात्रि के सभी नौ दिन अत्यंत उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। गरबा डांस, मंत्रमुग्ध कर देने वाली डांडिया नाइट, टेस्टी खाना और दुर्गा के खूबसूरती से सजाए गए मंदिर पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। फेस्टिवल के दौरान अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, गांधीनगर, पाटन और कई अन्य जगह देखने लायक होती हैं। पानी से भरा एक मिट्टी का बर्तन और एक चांदी का सिक्का, जो गर्भ का प्रतीक है, गुजरात में नवरात्रि उत्सव की प्रमुख विशेषता है। चमकीले कपड़ों में सजी महिलाएं बर्तन के चारों ओर घूमकर डांस और डांडिया करती हैं।
महाराष्ट्र में नवरात्रि - Navratri in Maharashtra
महाराष्ट्र के लोग भी नवरात्रि के उत्सव की भावना में डूबने के लिए तैयार रहते हैं। महाराष्ट्र में नवरात्रि उत्सव गुजरात जैसा ही मनाया जाता है। महाराष्ट्र में लोग नवरात्रि को एक नई शुरुआत के रूप में मनाते हैं, और अपने घर के लिए कुछ नया खरीदते हैं। साथ ही महिलाएं अपनी महिला मित्रों को अपने घर आमंत्रित करती हैं और उन्हें उपहार के रूप में नारियल और सुपारी देती हैं। गरबा और डांडिया नाइट महाराष्ट्र राज्य के लगभग हर इलाके में बेहद लोकप्रिय हैं।
हिमाचल प्रदेश में नवरात्रि - Navratri in Himachal Pradesh
हिमाचल में भी हिंदू नवरात्रि को अत्यंत भक्ति के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि उत्सव के दसवें दिन को हिमाचल में कुल्लू दशहरा के रूप में जाना जाता है, और यह भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। हिमाचल और भारत के अन्य राज्यों के लोग देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए विभिन्न मंदिरों में जाते हैं। प्रसिद्ध कुल्लू दशहरे का हिस्सा बनने के लिए आपको इस दौरान हिमाचल प्रदेश जरूर जाना चाहिए। देवी-देवताओं को जुलूस के लिए निकाला जाता है और पूजा पाठ करने के लिए किसी शुभ स्थान पर लाया जाता है। यह देश में सबसे शानदार जुलूसों में से एक है, जो हर साल बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करता है।
पश्चिम बंगाल में नवरात्रि - Navratri in West Bengal
नवरात्रि को पूर्वी भारतीय राज्य बंगाल में दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के अंतिम चार दिन अत्यधिक उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, और पूरा पश्चिम बंगाल रंगों और रोशनी से सुशोभित हो उठता है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा स्वर्ग से धरती पर अपने मायके आती हैं, और उनका बहुत गर्मजोशी और प्यार से स्वागत किया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान विशाल पंडालों को सजाया जाता है और दुर्गा की मूर्तियों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दसवें दिन को दुर्गा की बुराई पर जीत के रूप में मनाया जाता है।
आंध्र प्रदेश में नवरात्रि - Navratri in Andhra Pradesh
आंध्र प्रदेश में नवरात्रि को "बथुकम्मा पांडुगा" के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है 'आओ जीवित मां देवी'। नवरात्रि उत्सव देवी गौरी को समर्पित है, और देवी की मूर्ति बथुकम्मा नामक फूल के ढेर में स्थापित की जाती है। यह न केवल सबसे महत्वपूर्ण में से एक है, बल्कि आंध्र प्रदेश में विशेष रूप से तेलंगाना क्षेत्र में सबसे बड़ा त्योहार भी है। रेशम की साड़ियों और सोने के गहनों में सजी महिलाएं बथुकम्मा के आसपास देवी गौरी का आशीर्वाद लेने के लिए इकट्ठा होती हैं। First Updated : Saturday, 01 October 2022