हिन्दू धर्म में शालिग्राम शिला को पूजने का विशेष महत्व है। माना जाता हैं कि शालीग्राम शिला में भगवान विष्णु का स्वरुप होता है। शास्त्रों मे लिखा हैं कि जिस घर में शालिग्राम जी की पूजा पूरे श्रद्धा और भाव से किया जाता है। उस घर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृप्या सदैव बनी रहती है।
कैसे होते हैं शालीग्राम शिला
शालीग्राम शिला विशेष रूप से काले रंग के चिकने तथा अंडाकार पत्थर होती है जो नेपाल की गंडकी नदी के तल में पाया जाता है,शालिग्राम शिला कई रूपों में मिलते हैं। कुछ अंडाकार होते हैं तो कुछ में एक छेद होता है। जिसपर शंख, चक्र, गदा या पद्म के निशान बने होते हैं। इस शिला को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है।
शालिग्राम शिला को घर में रखने का नियम
शास्त्रों में शालिग्राम शिला को रखने का नियम बताया गया है। माना जाता है की शालिग्राम जी को नियम से पूजा पाठ करने से भगवान् बेहद प्रसन्न होते है जिससे घर में हमेशा शूख सांती बनी रहती है और आर्थिक स्थिती भी अच्छी रहती हैं
⦁ शालीग्राम जी को किसी संत या पंडीत जी लेकर ही घर में रखना चाहिए
⦁ शालीग्राम शिला को किसी शादी-शुदा व्यक्ति से नही लेना चाहिए और न ही शादी-शुदा व्यक्ति को देना भी चाहिए।
⦁ घर में शालीग्राम जी लाते हैं तो साफ-सफाई का अधिक ध्यान रखना चाहिए
⦁ शालीग्राम जी की पूजा में अक्षत चढ़ाना वर्जित माना गया है। या हल्दी से रंगे अक्षत का उपयोग पूजा में करें
शालीग्राम जी की पूजा विधि
रोज सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले शालिग्राम जी को स्नान कराए उसके बाद चंदन लगाकर पूष्प,तुलसी अर्पित करें और भोग लगाएं यह नियम रोज करने से घर में आर्थिक स्थिती बनी रहती है।
⦁ शालीग्राम जी की पूजा तुलसी के पत्तों का अवश्य प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से विष्णु जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
⦁ यदि घर में शालीग्राम जी रखते हैं तो दोनों पहर नियम से रोज पूजा और भोग लगाए, ध्यान रहें की पूजा का क्रम टूटना नहीं चाहिए
ऐसा करने से मिलते हैं विशेष लाभ
⦁ शालिग्राम और भगवती स्वरूपा तुलसी माता का विवाह कराने से साभी पाप , दोष,कलह, दुःख, रोग दूर हो जाते हैं।
⦁ तुलसी शालिग्राम विवाह करवाने से कन्यादान का पुण्य फल प्राप्त होता है
⦁ जो व्यक्ति शालिग्राम पर रोज नियम से जल चढ़ाता है और श्रद्धा से पूजा करता है उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। First Updated : Saturday, 04 February 2023