हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन काफी महत्व रखता है।शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन चन्द्रमा पूर्ण रूप से नजर नही आता है। जब भी अमावस्या आती हैं, तो इस अमावस्या पर भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। बाकी अमावस्याओं की तरह ही एक भौमवती अमावस्या भी होती है। कई लोगों का कहना है कि अमावस्या का दिन मंगलवार होता है।जिसे भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
इसे हम भोमवती अमावस्या भी कह सकते हैं।शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि मंगलवार के दिन जब चन्द्रमा और सूर्य एक ही राशि या अपने पास वाली राशि में प्रवेश करते है, तो उसे भौमवती अमावस्य योग बनता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूर्वजों और पितरों के लिए पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं साथ ही भगवान शिव जी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव जी को अमावस्या के दिन प्रसन्न कर दें, तो उनके जीवन में अनेक प्रकार के कष्टों से छुटकारा पाया जा सकता है। आप ने कई ऐसे लोगों क देखा होगा जो इस गंगा स्नान के लिए जाते हैं।कहा जाता है कि यदि इस दिन गंगा स्नान किया जाएं, तो उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
कुंडली से मंगल दोष को ऐसे करें दूर
भौमवती अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को दान और व्रत का विशेष ध्यान रखना चाहिए।मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने के बाद दान करने से फल प्राप्ति होती है। यदि आप किसी कारण गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
ऐसा करनें से भी अक्षय फल मिलता है। इस दिन दान व जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना काफी शुभ माना गया है। इसके आलावा यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे भौमवती अमावस्या के दिन पूरे सच्चे मन से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से मंगल दोष दूर किया जा सकता है।