मकर संक्रांति को क्यों किया जाता है खिचड़ी का सेवन, क्या है इसका धार्मिक महत्व

खिचड़ी में ऐसी खाद्य सामग्री होती है जिसका संबंध ग्रह से होता है इसलिए इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है। इनता ही नहीं खिचड़ी की कच्ची सामग्री को दान भी दिया जाता है।

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

हर साल देश में जनवरी माह में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति देश के हर राज्य में अलग-अलग नामों से मनाई जाती है। असम में इसे बीहु, बिहार में खिचड़ी, तमिलनाडु में इसे पोंगल, वहीं गुजरात में इसे काइट फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन गुजरात में पतंग उड़ाई जाती है व कई तरीके की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। आपको बता दें कि इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा हर साल ये 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस पर्व की खास बात ये है कि ये एक मात्र ऐसा त्यौहार है जहां पकवान की जगह खिचड़ी बनती है। इसके पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व

मान्यता ये है कि खिचड़ी में ऐसी खाद्य सामग्री होती है जिसका संबंध ग्रह से होता है इसलिए इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है। इनता ही नहीं खिचड़ी की कच्ची सामग्री को दान भी दिया जाता है। खिचड़ में इस्तेमाल होने वाली उड़द की दाल का संबंध शनिदेव, हल्दी का गुरु देव, हरी सब्जियों का बुध, घी का संबंध सूर्य से होता है इसलिए इस दिन खिचड़ी बनाई जाती है।

खिचड़ी से जुड़ी कहानी

कहा जाता है कि बाबा गोरखनाथ के योगी खिलजी के आक्रमण के बाद खाना नहीं बना पाते थे और कमजोर हो गए थे। तब बाबा ने अपने योगियों को चावल, दाल, सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जिसे खाकर वो कम समय में स्वस्थ हो गए।

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04 January 2023, 06:14 PM IST

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