मांस खिला दें..., जब नागा साधु ने शख्स से जताई इच्छा, बाद में सिर से उखाड़कर दे दिए अपने बाल

महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित हो रहा है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु, साधु-संत, और नागा साधु हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में लेखक अक्षत गुप्ता ने अघोरियों से जुड़े अपने रहस्यमय अनुभव साझा किए, जहां उन्होंने मांस की मांग के बाद सिर से बाल उखाड़कर दिए.

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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी को हो चुकी है, जो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर समाप्त होगा. यह महापर्व तप, ध्यान और मोक्ष के लिए समर्पित है, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु, साधु-संत और नागा साधु प्रयागराज पहुंचे हैं. 

नागा साधु: सनातन धर्म के तपस्वी

महाकुंभ में नागा साधु विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं. ये साधु सनातन धर्म के शैव संप्रदाय से जुड़े होते हैं और सांसारिक मोह-माया से दूर रहकर तपस्या और साधना में लीन रहते हैं. नागा साधु ध्यान, योग, तंत्र-मंत्र और धार्मिक क्रियाओं के अभ्यास में अपना जीवन समर्पित करते हैं. 

अक्षत गुप्ता का अनुभव

लेखक अक्षत गुप्ता ने एक पोडकास्ट शो में नागा साधुओं और अघोरियों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि वो स्पीति वैली में यात्रा कर रहे थे. जिस दौरान उनका सामना दो अघोरियों से हुआ. अक्षत ने बताया कि रास्ते में मैंने दो अघोरियों को देखा और उनसे पूछा, ‘आपको कुछ चाहिए?’ तो उन्होंने कहा, ‘मांस खिला दे... मांस खिला दे.' जब मैंने देखा तो उन्होंने अपने अंगूठे के पास के हिस्से को बहुत ही बुरे तरीके से काट डाला. 

अघोरियों की परीक्षा

अक्षत ने आगे बताया कि मैंने उनसे कहा कि पास में कुछ नहीं है, कहां से मांस खिला दूं. मैंने अपना हाथ उनकी ओर बढ़ा दिया क्योंकि मैं जानता था कि अघोरी आपकी परीक्षा लेते हैं. वे कभी आपका मांस नहीं खाएंगे. इसके बाद अक्षत ने उन्हें 500 रुपये का नोट दिया और कहा कि वे कुछ ऐसा मांगें जो किया जा सके. अघोरी ने वह नोट लौटा दिया और कहा, "तू कुछ नहीं कर सकता. जा अपने रास्ते."

आशीर्वाद के रूप में बाल

अक्षत ने आगे कहा कि अघोरी ने अपने सिर के 8-10 बाल खींचकर मुझे दिए और कहा, ‘जा, कुछ नहीं होगा तेरा. जो तेरे पास है, वही तेरे लिए काफी है.’

नागा साधुओं और अघोरियों की भूमिका

महाकुंभ के दौरान नागा साधु और अघोरी अपनी साधना और तपस्या से इस पर्व को विशेष बनाते हैं. इतना ही नहीं, ये साधु अपनी जीवनशैली और विचारधारा से सभी को अध्यात्म की गहराइयों तक ले जाने का संदेश देते हैं. 
  First Updated : Wednesday, 15 January 2025