अंधविश्वास, भ्रम या फिर मिथक...आखिर क्यों 13 तारीख के फ्राइडे को माना जाता हैं अनलकी, जानें इसके पीछे का गहरा इतिहास
History of 13th Friday: कैलेंडर की सबसे डरावनी तारीख वापस आ गई है. एक ऐसी तारीख है जिसे कई लोग अशुभ मानते हैं. यह शुक्रवार 13 तारीख है. इस दिन एक डरावनी फिल्म फ्रेंचाइजी के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके पीछे एक गहरा इतिहास भी है जो बहुत सारे अंधविश्वास से भरा हुआ है. आज हम आपको इस तारीख का गहरा इतिहास बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से इस दिन को अनलकी माना जाता है. तो चलिए जानते हैं.
History of 13th Friday: आज शुक्रवार है और सितंबर की 13 तारीख भी है. दुनियाभर में 13 सितंबर और फ्राइडे का दिन लोगों के लिए सबसे डरावना दिन होता है. इस दिन को अनलकी और खतरनाक माना जाता है. सैकड़ों साल लोग इस तारीख को अशुभ मानते हैं. इसे लेकर तमाम कहानियां, अंधविश्वास, भ्रम और मिथक सदियों से चलती आ रही हैं. कई देशों में लोग इस दिन से इतना ज्यादा घबराते हैं कि घर से बाहर तक नहीं निकलते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों इस दिन को इतना अनलक कहा जाता है? इसके पीछे इतिहास क्या है? तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
शुक्रवार 13 तारीख एक ऐसा दिन है जो अंधविश्वास और साजिश को जन्म देता है. यह कुख्यात तारीख सदियों से दुर्भाग्य और बदकिस्मती से जुड़ी रही है. कई लोगों का मानना है कि शुक्रवार को पड़ने वाली 13 तारीख दुर्भाग्य का एक आदर्श तूफान पैदा करता है. चाहे आप आस्तिक हों या नहीं, शुक्रवार 13 तारीख एक सांस्कृतिक घटना बन गई है, जिसने फिल्मों, किताबों और चेतावनी देने वाली कहानियों को प्रेरित किया है.
13 तारीख को क्यों कहा जाता है डरावनी तारीख ?
ऐसा माना जाता है कि अंतिम भोज, जिसमें यीशु को यहूदा इस्करियोती ने धोखा दिया था उस दिन तारीख 13 थी और दिन शुक्रवार था. दुनियाभर में 13 तारीख और शुक्रवार को इसलिए भी बुरा माना जाता है, क्योंकि इस दिन कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज है. अमेरिका में 19वीं शताब्दी में लगभग सभी फांसी देने की घटनाएं शुक्रवार को ही हुई थीं. लिहाजा, पारंपरिक रूप से शुक्रवार को फांसी देने का दिन ही मान लिया गया. फ्रांस में इसी दिन बड़ी दुर्घटना भी हुई थी इसलिए भी इस दिन को अशुभ माना जाता है. इसके अलावा इस दिन फ्रांस के राजा फिलिप चतुर्थ ने सैकड़ों नाइट्स टेम्पलर को सामूहिक रूप से गिरफ्तार करने और उन्हें फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था.
13 तारीख को डरवाने मानने के पीछे क्या है इतिहास
शुक्रवार, 13 तारीख को अशुभ मानने के पीछे एक अंधविश्वास है जो मध्य युग में शुरू हुआ था. कुछ लोग इसे अंतिम भोज से संबंधित मानते हैं. गुड फ्राइडे पर यीशु के सूली पर चढ़ने से पहले 13 लोग भोजन में मौजूद थे. दूसरों का मानना है कि यह नाइट्स टेम्पलर से संबंधित है जिन्हें शुक्रवार 13 अक्टूबर 1307 को विधर्म के लिए गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 13 का डर ईसाई धर्म से भी पुराना है. 13 नंबर को हज़ारों सालों से दुनिया भर की कई संस्कृतियों में अशुभ माना जाता रहा है. प्राचीन रोमनों का भी मानना था कि 13 एक बुरा शगुन है, जो दुर्भाग्य और मृत्यु की भविष्यवाणी करता है.
13 तारीख को इस कदर परहेज करते हैं लोग
शुक्रवार की 13 तारीख से लोग इतना डरते हैं होटल और इमारतों 13वां फ्लोर ही नहीं होता है. अगर किसी होटल में 13 वां फ्लोर होती भी है तो उसमे 13 नंबर का कमरा नहीं होता है. कई जगह ना तो 13वां फ्लोर होगा और ना ही किसी कमरे का नंबर 13 होगा. कुछ लोगों में 13 नंबर का इतना खौफ होता है कि वे विमान की 13 वीं पंक्ति में बैठकर हवाई यात्रा करने से भी डरते हैं. यहां तक फ्रांस में खाने की मेड पर भी 13 कुर्सियों नहीं रहती है. इसके साथ ही यूरोप में ज्यादातर लोग 13 तारीख को फ्लाइट से यात्रा करना पसंद नहीं करते हैं इसलिए इस दिन हवाई किराया सस्ता रहता है. इन सारी बातों से साफ पता चलता है कि फ्रांस के लोग 13 तारीख से कितना डरते हैं.