आत्मा की बीमारी का अनोखा उपचार: ऑस्ट्रेलिया के वैद्य की कहानी
ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी वैद्य परंपरागत चिकित्सा में मानसिक और आत्मिक उपचार के लिए प्रकृति का विशेष महत्व मानते हैं। उनके अनुसार, आत्मा का संबंध धरती और प्रकृति से होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में सहायक होता है। इस दृष्टिकोण में आधुनिक चिकित्सा के साथ प्राचीन ज्ञान का संगम होता है, जो लोगों को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
धार्मिक न्यूज. सर्द हवाओं के बीच मैं बाथ सूट पहनकर ऑस्ट्रेलिया की एक पवित्र नदी के किनारे कंगारू की खाल पर लेटी थी. आसपास पुदीने की पत्तिया जल रही थीं। यह नदी पर्थ से 360 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व की ओर स्थित है, और डेनमार्क नामक छोटे शहर के पास बहती है. स्थानीय नूंगार आदिवासी इसे पवित्र मानते हैं और मान्यता है कि यह नदी वैजाइल नामक विशालकाय सांप ने सृष्टि की शुरुआत में बनाई थी.
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का यह क्षेत्र अंगूर के बागानों, स्वादिष्ट उत्पादों और समुद्र तटों के लिए लोकप्रिय है। वैद्य का यहां आने का उद्देश्य इससे अलग था. वैद्य अपने मन को शांति देने और अवसाद को दूर करने के लिए एक स्थानीय वैद्य जोए विलियम्स के पास आई थी।
आदिवासी ज्ञान और आत्मा की चिकित्सा
ऑस्ट्रेलिया के आदिवासियों की संस्कृति धरती की सबसे पुरानी जीवित संस्कृतियों में से एक है, जो लगभग 60 हज़ार साल पुरानी मानी जाती है. उन्होंने प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध बना रखा है, जिससे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है. आदिवासियों के पास पारंपरिक उपचारकों का ज्ञान था जो अब धीरे-धीरे लुप्त हो रहा है.
जोए विलियम्स उन बचे हुए पारंपरिक उपचारकों में से एक हैं, जिन्हें आदिवासी संस्कृति का विस्तृत ज्ञान है. उनका मानना है कि आत्मा का संतुलन ठीक कर अवसाद और मानसिक समस्याओं को ठीक किया जा सकता है. देसी ऑस्ट्रेलियाई इसे "आत्मा की बीमारी" मानते हैं।
अवसाद और आधुनिक जीवन का संकट
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2015 में लगभग 30 करोड़ लोग अवसाद से जूझ रहे थे। वहीं जलवायु परिवर्तन और आधुनिक जीवनशैली ने मानसिक सेहत पर और अधिक नकारात्मक प्रभाव डाला है. खुद विलियम्स ने अवसाद का सामना किया है और अपने समुदाय के परंपरागत तरीकों से इसमें राहत पाई है.
उनका उपचार पद्धति धरती और प्रकृति से गहरे जुड़ाव पर आधारित है. उपचार की शुरुआत उन्होंने स्टर्लिंग रेंज नेशनल पार्क की पवित्र धरती से की, जो कोरेंग आदिवासी क्षेत्र है. यहां की वनस्पतियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिन्हें विलियम्स अपने उपचार के लिए उपयोग करते हैं.
सांस्कृतिक स्मृति और सॉन्गलाइन्स
ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों के पास 'सॉन्गलाइन्स' नामक सांस्कृतिक स्मृति प्रणाली है, जो उन्हें धरती और पूर्वजों से जोड़ती है. विलियम्स ने मेरे साथ सॉन्गलाइन्स गाकर उस धरती का महत्व समझाया। ये गाने उनके परिवार और पूर्वजों की कहानी बताते हैं, जिससे उनकी धरती से एक अनोखी आत्मीयता जुड़ी हुई है.
पवित्र स्थलों से जुड़ाव
हम विकेलनप झील पहुंचे, जो कोरेंग समुदाय के लिए "शक्ति स्थल" मानी जाती है. यह झील विभिन्न रंगों की मिट्टी का स्रोत है जिसे आदिवासी लोग धार्मिक समारोहों में अपने शरीर पर लगाते हैं. विलियम्स ने मुझे गेरू मिट्टी से बनाए निशान से परिचय कराया जो आत्मा का प्रतीक है. उन्होंने मुझे सिखाया कि यह निशान मेरे और धरती के बीच के संबंध का प्रतीक है. यह उनके विश्वास को दर्शाता है कि इस धरती पर सब जीवित हैं और हमें उनकी इज्जत करनी चाहिए.
डैडिरी: आत्मा की गहरी सुनवाई
ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र की आदिवासी कलाकार मिरियम-रोज़ अंगुनमेर-बाउमन इसे डैडिरी कहती हैं, जो एक तरह की माइंडफुलनेस और पारस्परिक समानुभूति है. यह उन्हें धरती की बात सुनने और आत्मा से जुड़ने का तरीका सिखाता है. अंगुनमेर-बाउमन कहती हैं, "डैडिरी दुनिया के लिए आदिवासियों का उपहार है जिसे हर कोई महसूस कर सकता है.
उपनिवेश काल की त्रासदी और सांस्कृतिक पुनरुत्थान
1788 में ब्रिटिश उपनिवेशों के आगमन के बाद आदिवासी समुदायों का नाश हो गया। आज, ऑस्ट्रेलिया की आबादी में आदिवासियों का हिस्सा मात्र 3.3 प्रतिशत ही रह गया है. लेकिन कुछ आदिवासी और मानवाधिकार कार्यकर्ता जैसे डॉक्टर फ्रांसेस्का पैंजिरोनी इस सांस्कृतिक चिकित्सा पद्धति को पहचान दिलाने में लगे हैं. ANTAC नामक संगठन के माध्यम से वे पारंपरिक आदिवासी चिकित्सा को ऑस्ट्रेलिया में स्थापित कर रहे हैं।
आधुनिक चिकित्सा का पूरक
ANTAC का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा को मुख्यधारा के स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल करना है. ऑस्ट्रेलिया के कुछ अस्पतालों में अब इन उपचारकों को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है. उनके अनुसार, इन उपचारकों की तकनीकें मुख्यधारा की चिकित्सा का पूरक हो सकती हैं और मानसिक समस्याओं में लाभ पहुंचा सकती हैं।
धरती से जुड़ाव का एहसास
अंत में, विलियम्स ने मेरी नाभि पर एक छोटा पत्थर रखा और मुझे आत्मा से जुड़ने को कहा. इस प्रक्रिया के दौरान मैंने बर्फीली नदी में अपनी बेचैनी को महसूस किया। यह आत्मा की गहराई तक पहुँचने का अनुभव था. नदी ने मुझे न केवल शारीरिक बल्कि आध्यात्मिक समर्थन भी दिया. आज जब मानसिक समस्याएं आम हो गई हैं, आदिवासियों की यह चिकित्सा पद्धति हमें धरती और आत्मा से जुड़े रहने का नया मार्ग दिखा सकती है.