आखिर अमावस्या पर ही क्यों लगता है सूर्यग्रहण, क्या है इसका कारण, जानिए सबकुछ

Solar Eclipse 2024: आज साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. वैज्ञानिकों की माने तो यह सूर्यग्रहण बेहद खास है क्योंकि 50 साल बाद करीब 5 घंटे 25 मिनट तक सूर्य ग्रहण लगा रहेगा. इस दौरान पूरे पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

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Edited By: JBT Desk

Solar Eclipse 2024: आज यानी 8 अप्रैल 2024 को बहुत बड़ा सूर्य ग्रहण लगने वाला है. इस बार का सूर्य ग्रहण खगोलीय घटना का बड़ा रूप है. यह सूर्यग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि 50 साल बाद ऐसा ग्रहण लगने जा रहा है. आज करीब 5 घंटे 25 मिनट तक सूर्य पर ग्रहण लगा रहेगा. तो चलिए इस खास मौके पर जानते हैं कि आखिर अमावस्या पर ही क्यों सूर्यग्रहण लगता है और इसका कारण क्या है.

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण का असर ज्यादातर अमेरिका और कनाडा में दिखने वाला है. वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य ग्रहण से कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. इस दौरान चारों तरफ अंधेरा छाने लगेगा.

सूर्य ग्रहण का समय

8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू होगा जो अगले दिन 1 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगा. इस दौरान सूर्य ग्रहण की अवधी 4 घंटे 25 मिनट तक रहेगी. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक यह ग्रहण सोमवती अमावस्या पर लगने जा रहा है जो सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है. हालांकि ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

अमावस्या पर ही क्यों लगता है सूर्यग्रहण

ज्योतिष के मुताबिक सूर्य ग्रहण हर अमावस्या पर नहीं लगता है लेकिन जब भी सूर्य पर ग्रहण लगता है उस दिन अमावस्या जरूर होती है. ज्योतिषियों का कहना है कि चंद्रमा और सूर्य के संबंध के बिना कोई भी ग्रहण नहीं हो सकता. अमावस्या वह दिन है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही डिग्री पर आते हैं. सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही डिग्री पर होते हैं और राहु-केतु के साथ युति में होते हैं.

सूर्य ग्रहण क्यों लगता है

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर आते हैं. इस दौरान सूर्य का प्रकाश पूर्णतया अवरुद्ध हो जाता है. इस घटना को ग्रहण कहा जाता है. ऐसा कभी-कभार ही होता है, क्योंकि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी की तरह ठीक उसी तल में परिक्रमा नहीं करता है. सूर्य ग्रहण दो प्रकार का होता है: पूर्ण सूर्य ग्रहण और आंशिक सूर्य ग्रहण.

पूर्ण सूर्य ग्रहण में, सूर्य का पूर्ण रूप से पूर्णतः धरती के पृथ्वी के आगे से गुजरता है. जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण में, सूर्य का केवल एक हिस्सा ही पृथ्वी के साथ आवरण करता है. सूर्य ग्रहण का दृश्य अलग-अलग भूमि क्षेत्रों पर अलग-अलग समय में देखा जा सकता है, इसलिए यह घटना विशेष भूमि क्षेत्रों में ही विद्यमान होती है.

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08 April 2024, 08:00 AM IST

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