भारत में लाखों मंदिर मौजूद है, जिनमें से कुछ मंदिरों का रहस्य आज भी लोगों के लिए एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है. इन मंदिरों का रहस्य समझ से परे है. मंदिरों के रहस्य का पता लगाने के समय-समय पर तमाम प्रयास किए गए, जो असफल साबित हुए.
गुजरात के समुद्री तट पर भगवान श्री कृष्ण बसाई हुई नगरी द्वारिका है. इस जगह का विशेष धार्मिक महत्त्व है, लेकिन इसका रहस्य भी कम नहीं है. कहा जाता है कि श्री कृष्ण की मृत्यु के उनकी नगरी समुद्र में डूब गयी. कृष्ण की नगरी के अवशेष आज भी मौजूद है, लेकिन इस बात का प्रमाण आज नहीं मिल पाया है कि क्या सच है?
केरल के तिरुवनंतपुरम जिले का प्रसिद्ध श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है. कहा जाता है कि मंदिर के तहखानो में लाखो तन सोना दबा हुवा है और छह तहखाने में से एक लाख करोड़ का खजाना निकाला गया. लेकिन सातवें तहखाने को खोलने पर राज परिवार रोक लगाई हुई है. कहा जाता है कि ये तहखाने का दरवाजा किसी विशेष मंत्र से बंद है और मंत्र से ही खुलेगा. नहीं तो बड़ी तबाही आ सकती हैं.
कहा जाता है कि निधिवन महल में स्थापित 'नंदमहल' में भगवान श्री कृष्ण विश्राम करते है. नन्द महल में प्रसाद के तौर पर रोजाना माखन, मिश्री रखने के साथ सोने के लिए पलंग भी लगाया जाता है. कहते है कि जब सुबह बिस्तरों को देखते है तो लगता है कि रात में जरूर कोई सोया हुआ था. प्रसाद भी नहीं मिलता और इस मंदिर के दरवाजे खुद से बंद होते है और खुलते है. रात के समय यहां पर कोई नहीं रूकता है.
महाभारत के अश्वत्थामा वजूद आज भी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा का एक झूट उन्हें भारी पड़ा. श्री कृष्ण ने उन्हें युगों-युगों तक भटकने का श्राप दिया था. मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से 20 किमी दूर एक किले में शिव मंदिर है. कहा जाता है कि अश्वत्थामा आज भी इस मंदिर में पूजा करने आता है.