Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा आज से शुरू, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पवित्र गुफा के लिए रवाना
Amarnath Yatra 2024: हर साल की तरह इस साल भी लाखों की संख्या में लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पवित्र गुफा की यात्रा करते हैं. आज से अमरनाथ मंदिर की तीर्थयात्रा शुरू हो गई है. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर से रवाना हुआ है जिसका पहला वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. इस साल 52 दिनों तक चलने वाली तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी.
Amarnath Yatra 2024: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ मंदिर के लिए तीर्थयात्रा शनिवार को शुरू हो गई है. तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल आधार शिविर से रवाना हुआ है. शंखनाद और "बम बम भोले", "जय बाबा बर्फानी" और "हर हर महादेव" के जयकारों के साथ श्रद्दालू बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हो गए हैं.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4,603 तीर्थयात्रियों वाला पहला जत्था शुक्रवार को कश्मीर घाटी पहुंचा था. इस साल अमरनाथ गुफा की यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. 52 दिन की लंबी यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 15 अप्रैल को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की वेबसाइट और पोर्टल पर शुरू हुआ था.
आज से अमरनाथ यात्रा शुरू
कड़ी सुरक्षा और चौकसी के बीच हर साल होने वाली अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है जो आज यानी 29 सितंबर से शुरू हो गई है. अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है. अमरनाथ यात्रा को सुचारू यात्रा सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा, क्षेत्र प्रभुत्व, विस्तृत मार्ग तैनाती और चौकियों सहित व्यापक व्यवस्था की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने पवित्र गुफा के दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. गुफा मंदिर के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक रसोई (लंगर) का आयोजन किया गया है.
#WATCH | J&K: A large number of pilgrims en route from Baltal to Holy Amarnath cave. pic.twitter.com/u9hdwn7c95
— ANI (@ANI) June 29, 2024
क्यों खास है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ धाम भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. यहां भगवान भोलेनाथ का अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है. अमरनाथ में प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन होते हैं, यहां बर्फ से अपने आप शिवलिंग बनता है जिसे देखने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा करते हैं. अमरनाथ गुफा में बर्फ की एक छोटी शिवलिंग सी आकृति प्रकट होती है जो धीरे-धीरे बढ़ती है. 15 दिन में बर्फ के इस शिवलिंग की ऊंचाई 2 गज से ज्यादा हो जाती है. वहीं जब चंद्रमा का आकार घटना लगता है वैसे ही इस शिवलिंग का आकार भी घटने लगता है और चांद के लुप्त होते ही शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है.
जम्मू कश्मीर एक बार फिर ''बम बम भोले और हर हर महादेव' के नारों से गूंजने लगी है। 29 जून से #अमरनाथ की यात्रा शुरू हो रही है। बेस कैम्प में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों ने भी वहां मौजूद सभी #श्रद्धालुओं का जोश बढाते नजर आए। #AmarnathYatra2024 #JammuKashmir pic.twitter.com/MXqm89Lor0
— S.Garg (Modi Ka Parivar) (@ShalabhGarg19) June 28, 2024
अमरनाथ यात्रा करने का रास्ता
मान्यता है कि, अमरनाथ गुफा की खोज 15वीं शताब्दी में एक मुसलमान गड़किया ने की थी. उस गड़रिये का नाम बूटा मलिक था. बता दें कि, इस गुफा तक पहुंचने के केवल दो रास्ते हैं. पहला रास्ता पहलगाम की तरफ से जाता है वहीं दूसरा सोनमर्ग होते हुए बालटाल की ओर से जाता है. बालटाल के रूट से यात्रा करने में 14 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होती है लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई होती है इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर काफी दिक्कतें आती हैं. इसके अलावा इस रूट पर रास्ते संकरे और मोड़ खतरे भरे होते हैं. वहीं पहलगाम रूट की बात करें तो ये रासता आसान है लेकिन इस रास्ते से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लग जाता है.