जब बाबा नीम करौली के चमत्कार से घी में बदल गई थी नदी, पढ़ें कैंची धाम का अद्भुत किस्सा
Baba Neem Karauli: बाबा नीम करौली के चमत्कार के कई किस्से मशहूर हैं. आज हम उन्हीं में से एक चर्चित किस्से के बारे में बात करने जा रहे हैं. जाने-माने तीर्थस्थल कैंची धाम में भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गई थी. जिसके बाद जब लोगों ने बाबा नीम करौली से इसका उपाय मांगा जिसके बाद बाबा के चमत्कार से बहती नदी का पानी घी में बदल गया था.
Baba Neem Karauli: उत्तराखंड में स्थित नीम करोली बाबा का कैंची धाम न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि यह कई अद्भुत चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है. नैनीताल के पास भवाली क्षेत्र में स्थित इस धाम से जुड़ी कई कहानियां हैं. इनमें से एक सबसे मशहूर किस्सा है जब बाबा ने शिप्रा नदी के जल को घी में बदल दिया था.
हर साल, देश-विदेश से लाखों भक्त कैंची धाम आते हैं. यहां के शांत वातावरण और बाबा की सिद्धियों से प्रभावित होकर कई नामचीन हस्तियां, जैसे मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स और विराट कोहली, भी इस पवित्र स्थान पर आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं.
शिप्रा नदी का विशेष महत्व
शिप्रा नदी भवाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. यह भारत की अन्य नदियों के विपरीत दक्षिण से उत्तर दिशा में बहती है, इसलिए इसे उत्तरवाहिनी कहा जाता है. यह नदी कैंची धाम आश्रम के पास से गुजरती है और इसे बाबा नीम करोली के चमत्कारों का साक्षी माना जाता है.
बाबा का चमत्कार
लोगों का मानना है कि एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी हो गई थी. भक्त इस समस्या को लेकर बाबा के पास पहुंचे. बाबा ने उन्हें निर्देश दिया कि नदी से पानी लाकर प्रसाद बनाने में उसका उपयोग करें. जब भक्तों ने बाबा के निर्देशानुसार नदी से पानी लाकर इस्तेमाल किया, तो वह पानी घी में बदल गया. यह घटना बाबा की चमत्कारी सिद्धियों का एक अनोखा उदाहरण है.
कैंची धाम का ऐतिहासिक महत्व
नीम करोली बाबा ने 15 जून 1964 को अपने मित्र पूर्णानंद के साथ कैंची धाम की स्थापना की. यह आश्रम बाबा के भक्तों के लिए आध्यात्मिकता का प्रमुख केंद्र बन गया. कहा जाता है कि बाबा अक्सर शिप्रा नदी के किनारे पत्थर पर बैठकर ध्यान करते थे.