Baisakhi 2023: सिखों के लिए बैसाखी का इतना महत्व क्यों माना जाता है, क्या है इसके पीछे की खास वजह?
Baisakhi 2023: सिख समुदाय के लिए यह दिन काफी महत्व रखता है।इस पर्व को पंजाब और हरियाणा के लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं।माना जाता है कि इसी दिन से सिख नव वर्ष की शुरुआत हुई थी।
हाइलाइट
- इस पर्व को पंजाब और हरियाणा के लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाना पसंद करते हैं।
Baisakhi 2023: बैसाखी पर्व आने में बस कुछ ही दिन बाकी है।इस पर्व को पंजाब और हरियाणा के लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाना पसंद करते हैं। इस त्यौहार का इंतजार इन लोगों को बेसब्री के साथ रहता है।इसके साथ ही सिख समुदाय में बैसाखी के इस खास पर्व को काफी महत्व दिया जाता है।
कहा जाता है कि इसी दिन से सिख नव वर्ष की शुरुआत की गई थी। तभी से सिख समुदाय के लोग इस पर्व को मनाने लगें। अलग-अलग राज्यों में बैसाखी को अन्य नामों से जाना जाता है।
बैसाखी मनाने का कारण क्या है?
दरअसल बैसाखी आने तक रबी की फसल पक जाती है इसीलिए बैसाखी का दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है।ऐसे में किसान अपनी फसल पकने की खुशी में बैसाखी के इस पर्व को मनाते हैं। इसके साथ ही इस दिन सिखों का नव वर्ष भी रहता है।
ऐसे में सिख समुदाय के लोग ढोल-नगाड़ों पर नाचते-गाते हुए बैसाखी का पर्व मनाते हैं।इसके अलावा गुरुद्वारा में भी कीर्तन का आयोजन करवाया जाता है। साथ ही हर घर में तरह-तरह के व्यंजन और लोग नए कपड़े पहनते हुए नजर आते हैं।
क्यों है महत्वपूर्ण सिखों के लिए यह पर्व?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि बैसाखी के दिन सिखों के दसवें और आखिरी गुरु गोविंद सिंह ने 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह ने सभी लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया।
उच्च और निम्न जाति समुदायों के बीच के अंतर को खत्म करने को कहा।इसके साथ ही बैसाखी के दिन महाराजा रणजीत सिंह को सिख साम्राज्य का प्रभार सौंपा गया था।जिन्होंने एकीकृत राज्य की स्थापना की थी।