महाकुंभ मेले से पहले 25 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, जानें कब शुरू होंगे शाही स्नान
महाकुंभ मेला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन पहले शाही स्नान के साथ शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा. इसमें छह शाही स्नान होंगे
महाकुम्भ के स्नान पर्व से दो दिन पहले ही शनिवार को करीब 25 लाख लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें दुनिया भर से साधु-संत और श्रद्धालु आते हैं और पवित्र त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं. खास तौर पर नागा साधु अपनी अनूठी जीवनशैली, पहनावे और भक्ति के कारण खास आकर्षण का केंद्र होते हैं. महाकुम्भ का स्नान 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और अगला स्नान पर्व 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर है.
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, करीब 25 लाख लोगों ने शनिवार को गंगा और संगम में डुबकी लगाई. पूरे मेला क्षेत्र में एआई सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सही संख्या का पता लगाना आसान है. 2019 में आयोजित पिछले कुंभ मेले में कुल 25 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी. उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा 45 करोड़ को पार कर जाएगा. मेला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन पहले शाही स्नान के साथ शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा. इसमें छह शाही स्नान होंगे.
- पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी
- मकर संक्रांति: 14 जनवरी
- मौनी अमावस्या: 29 जनवरी
- बसंत पंचमी: 3 फरवरी
- माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी
- महा शिवरात्रि: 26 फरवरी
मेले में अखाड़ों का छावनी प्रवेश जारी
बता दें कि महाकुम्भ मेले में अखाड़ों का छावनी प्रवेश जारी है. इसी क्रम में शनिवार को सिखों के निर्मल अखाड़े का भव्य छावनी प्रवेश हुआ, जिसमें हजारों संतों ने हिस्सा लिया. इससे पहले शैव, वैष्णव और उदासीन अखाड़े छावनी में प्रवेश कर चुके हैं. श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा में वेद, वेदांग और गुरुवाणी तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला. छावनी प्रवेश यात्रा में रथ, बग्घी और घोड़ों पर सवार साधु संतों का समूह कीडगंज स्थित अखाड़े के मुख्यालय से निकला.
इस प्रवेश यात्रा में एक हजार से अधिक साधु संत शामिल हुए, जिसमें अधिकतर संत सिख समुदाय से आते हैं. संतों के पीछे-पीछे महिलाएं गुरुवाणी का पाठ और शबद कीर्तन करते हुए चल रहीं थी. छावनी प्रवेश में मां काली के रौद्र रूप को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी कौतुहल का केंद्र रही. विभिन्न स्थानों पर इस छावनी प्रवेश यात्रा का स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन के लोगों ने पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया.