Bhakhra Vermilion: शादी और पूजा के समय क्यों लगाती हैं महिलां भखरा सिंदूर, जानें इसका अर्थ
Bhakhra Vermilion: सनातन धर्म विवाह के दौरान सिंदूरदावन अपना एक विशेष महत्व है और और यह रस्म अदायी की बेदद महत्वपूर्ण माना जाता है.
हाइलाइट
- कई राज्यों में सुहागिन अनेक प्रकार की परंपराएं निभाती है.ं
Bhakhra Vermilion: कई राज्यों में सुहागिन अनेक प्रकार की परंपराएं निभाती है. इस रस्म में पहील और दुल्हन की मांग में दूल्हा एक सिक्के या अंगूठी से सिंदूर लगाता. ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर दान के बाद ही एक ही लड़की सही मायने में विवाहित मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि सिंदूर लगाने से न केवल विवाहित महिला के पति की रक्षा होती है बल्कि उसे बुराइयों से भी बचाया जा सकता हैं.
सिंदूर लाल, गुलाबी, केसारिया, रंग का होता है इन रंगों में केसारिया सिंदूर को दुल्हन के लिए शुभ माना जाता महिलाओं के सिंदूर लगाने के कई कारण छिपे हैं. आपने भी कई महिलाओं को लाल के बजाय के सरिया सिंदूर जिसे भखरा सिंदूर भी कहा जाता है. लगाते हुए जरूर देख होगा. भखरा सिंदूर या के सरिया सिंदूर को बेहद शुभ माना जाता है.
पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि सिंदरू का रंग लाल होता है, जिसे प्रेम और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. यह भी माना जाता है. कि सिंदूर से रिश्ता मजबूत होता है. मान्यता स्त्री जितनी लंबी मांग भरती है पति की आयु उतनी ही बढ़ती है ऐसा कहा जाता है. इसीलिए ज्यातार महिलाएं मांग भरकर सिंदूर लगाती है.
विवाह पूजन
मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि भखरा सिंदूर या केसरिया सिं पूदूर शुद्धता, सात्विक, उज्जवल भविष्य तथा सौभाग्य का प्रतीक है. विवाह या पूजन कर्म में महिलाएं इसका उपयोग करती हैं. भखरा सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक तो है हीं, यह प्रेम का भी प्रतीक है. इसलिए विभिन्न पूजा या शादी विवाह पति के दीर्घायु के लिए महिलाए यह सिंदूर अपने मांग में लगाती हैं. विवाह के बाद यदि शादी-शुदा स्त्रियां मांग में सिन्दूर लगाती हैं तो उनका सौभाग्य बना रहता है और उनके सौंदर्य में भी निखार आता है.