कल मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा
शाख माह क शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा और पीपल पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध की जयंती और और निर्वाण दिवस पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है।
बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा और पीपल पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध के जयंती और निर्वाण दिवस देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गौतम बुद्ध
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक की तिथियों को पुष्कारणी कहा गया है। इसमें पूजा, स्नान-दान और पुण्य करने से पूरे माह का स्नान का फल मिलता है।
पुर्णिमा
वैशाख माह के पूर्णिमा तिथि भगवान बुद्ध के पूजा के लिए विशेष मानी जाती है। क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग भगवान बुद्ध की तीर्थ स्थान बोधगया जाते हैं। और बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं।
बुद्ध ने चार सूत्र
माना जाता है कि बोधगया में स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे ही गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बुद्ध ने चार सूत्र दिए हैं। पहला दुख,दूसरा दुख का कारण, तीसरा दुख का निदान चौथा दुख के निदान का मार्ग बताता है।
अनमोल वचन
भगवान बुद्ध ने कहा है जीवन में हजारों लड़ाइयां पर विजय पाने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त करों, फिर विजय हमेशा आपकी होगी, और इससे कोई छीन नहीं सकता।