Chaitra Navratri 2025: दुर्गा अष्टमी और महानवमी पर हवन का विशेष महत्व, जानें सही विधि और मंत्र
चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की उपासना का विशेष महत्व होता है, और इस दौरान हवन करना बेहद शुभ माना जाता है. खासतौर पर दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन हवन करने से न केवल देवी प्रसन्न होती हैं, बल्कि घर की नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है. अगर आप भी इस नवरात्रि में हवन करने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए सही सामग्री, शुभ मुहूर्त और मंत्रों की जानकारी जरूर जान लें.

चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व होता है. इस दौरान भक्त नौ दिनों तक मां दुर्गा की उपासना कर सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करते हैं. खासकर दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन हवन करना बेहद शुभ माना जाता है. यह न केवल देवी को प्रसन्न करता है बल्कि घर की नकारात्मकता को भी दूर करता है.
अगर आप भी इस नवरात्रि में हवन करने की योजना बना रहे हैं, तो सही हवन सामग्री, शुभ मुहूर्त और हवन मंत्रों की जानकारी होना जरूरी है. आइए जानते हैं कि इस बार चैत्र नवरात्रि में हवन कब और कैसे करना चाहिए.
चैत्र नवरात्रि हवन 2025 की तिथियां
चैत्र नवरात्रि में हवन का सबसे उत्तम समय दुर्गा अष्टमी और महानवमी को माना जाता है. इस साल ये तिथियां इस प्रकार हैं:
दुर्गा अष्टमी: 5 अप्रैल 2025 (शनिवार)
महानवमी: 6 अप्रैल 2025 (रविवार)
चैत्र नवरात्रि हवन 2025 का शुभ मुहूर्त
हवन करने के लिए शुभ मुहूर्त बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस बार दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन ये शुभ योग बन रहे हैं:
दुर्गा अष्टमी हवन मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 AM से दोपहर 12:49 PM तक
महानवमी हवन मुहूर्त: इस दिनरवि योग, रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे पूरे दिन हवन करना शुभ रहेगा.
चैत्र नवरात्रि हवन सामग्री लिस्ट
हवन के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी:
1. आम और आंवला की लकड़ियां
2. गाय के गोबर के उपले
3. हवन कुंड और तांबे का कलश
4. आम की पत्तियां
5. कपूर
6. काले तिल
7. गूगल धूप
8. गुड़ और शुद्ध घी
9. पंचमेवा (काजू, बादाम, किशमिश, छुआरा, मखाना)
10. जौ और चावल
11. शहद
12. गंगाजल
13. हल्दी, कुंकुम और चंदन
14. बेलपत्र और दूर्वा
15. लौंग, इलायची और जायफल
हवन विधि और महत्वपूर्ण मंत्र
हवन शुरू करने से पहले देवी दुर्गा की पूजा करें और फिर अग्नि प्रज्वलित कर हवन सामग्री की आहुति दें. हवन के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
1.हवन प्रारंभ मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
2.स्वाहा मंत्र- ॐ अग्नये स्वाहा, इदं अग्नये इदं न मम
3.देवी दुर्गा हवन मंत्र- ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा”_
4.संपूर्ण हवन समर्पण मंत्र- ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते
हवन का महत्व
पूजा के बाद हवन जरूर करना चाहिए इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है.
नवग्रहों के दोष शांत होते हैं.
वातावरण शुद्ध होता है और रोग-व्याधियां दूर होती हैं.