Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है. देशभर में नवरात्रि का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान हर जगह धार्मिक माहौल देखने को मिलता है. श्रद्धालु इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. लोग व्रत रखते हैं और मां देवी की पूजा करते हैं.
चैत्र नवरात्रि का आज चौथा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के चौथे रूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की रचयिता माना जाता है तो चलिए उनकी पूजा विधि के बारे में जानते हैं.
ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा के चौथे स्वरूप यानी मां "कुष्मांडा" अपनी दिव्य मुस्कान और ऊर्जा से दुनिया में रोशनी लायी हैं. दरअसल, जब भगवान विष्णु ने इस सृष्टि की रचना की थी तब चारों ओर अंधकार था. तब देवी कुष्मांडा ने अपनी मनमोहक मुस्कान से इस ब्रह्मांड से अंधकार हटा दिया और ग्रहों, आकाशगंगाओं और दुनिया को रोशन कर दिया.
"कुष्मांडा" नाम संस्कृत के शब्द "कू" से लिया गया है जिसका अर्थ है "थोड़ा सा", "ऊष्मा" यानी "गर्मी", और "अंडा" का अर्थ है "ब्रह्मांडीय अंडा". विशेषज्ञों के अनुसार, उनके चारों ओर की आभा सकारात्मकता और प्रकाश बिखेरने की उनकी क्षमता का प्रतीक है. ऐसे में आज मां कुष्मांडा का विशेष आशीर्वाद पाने के लिए पूजा अर्चना करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि उनका आशीर्वाद किसी के जीवन में सभी बाधाओं और चुनौतियों का अंत कर सकता है.
आज के दिन सुबह उठने के बाद स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़ा पहने. उसके बाद देवी की मूर्ति विराजमान करने के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए. उसके बाद माता को लाल फूल, भोग अर्पित करें. कुमकुम लगाए और घी के दिए से आरती करें. इस दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग भी लगाने से वह बेहद प्रसन्न होती है. इसके अलावा आप ताजे मौसमी फलों का भी भोग लगा सकते हैं.
चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन हरे रंग से जुड़ा है जो प्रकृति का प्रतिनिधित्व करता है और विकास, उर्वरता, शांति और शांति की भावना व्यक्त करता है. ऐसे में इस दिन हरा रंग पहनने से शांति मिलती है और देवी कुष्मांडा का आशीर्वाद मिलता है. हरा रंग जीवन में नई शुरुआत का भी प्रतीक है. First Updated : Friday, 12 April 2024