Char Dham Yatra 2023: साल 2023 की चार धाम यात्रा आज से शुरु हो गई है। हर साल उत्तराखंड के चारधाम यात्रा शीत ऋतु में बंद हो जाता है ऐसे में लंबे इंतजार के बाद भक्तों के लिए चार धाम की यात्रा आज से शुरु कर दी गई है तो आईए जानते है केदार नाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का कपाट खुलने का समय क्या है?
गंगोत्री धाम का कपाट आज यानी 22 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर खोला गया है। गंगोत्री धाम का कपाट खोलने से पहले सहस्त्रनाम,गंगा लहरी का पाठ किया जाता है। गंगोत्री में स्थित गौरीकुंड के बारे में कहा जाता है कि यह स्वयं गंगा भगवान शिव की परिक्रमा करती है। उत्तराखंड के गढ़वाल मेंहिमनदी से गंगा नदी निकली है।
चारधाम के पहले मुख्य तीर्थ धाम यमुनोत्री का पट आज दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर कर्क लग्न अभिजीत मुहूर्त पर खोला गया है। बताया जाता है कि यहां पर असित मुनि निवास करते थे। वही यमुनोत्री को सूर्य की बेटी और यम की बहन यमुना जी को उद्गम स्थल माना जाता है।
25 अप्रैल को केदारनाथ धाम का कपाट 06 बजकर 20 मिनट पर मेघ लग्न में भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाएगा। केदारनाथ में स्थित शिवलिंग को 12 ज्योतिर्लिंग में एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद अपने भाइयों की हत्या के पापों का प्रायश्चित करने के लिए पांडव केदारनाथ आए थे। केदारनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग की बैल की पीठ की आकृति-पिंड के रूप में पूजा जाता है।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा का शुभारंभ 27 अप्रैल से की जाएगी,27 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर बद्रीनाथ का कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाएगा। माना जाता है कि बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बिना चारधाम की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। बद्रीनाथ में जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की यहां तपोभूमि भी मौजूद है। बद्रीनाथ के बारे में एक कथा बेहद प्रचलित है- जो जाए बदरी,वो ना आए ओदरी, इस कहावत का अर्थ है जो व्यक्ति बद्रीनाथ धाम का दर्शन कर लेता है वह दोबारा जन्म नहीं लेता है, वह व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। First Updated : Saturday, 22 April 2023