Chardham Yatra: 25 जगहों पर बना भूस्खलन का खतरा, 38 जगहों पर दरक रहे पहाड़, लोगों की यात्रा में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Chardham Yatra: दूर-विदेश से आएं चारधाम की यात्रा करने लोग अब उनकी मुश्किलें काफी बढ़ रही हैं. बदरीनाथ राजमांर्ग 38 जगहों तक दरक रहे हैं पहाड़.
हाइलाइट
- इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले गए थे.
Chardham Yatra: इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले गए थे. जिसके बाद लोग लगातार भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर रहे हैं. जो लोग यात्रा कर चुके हैं उनकी संख्या 12 लाख से भी अधिक पहुंच गई है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण सड़के को ठीक करने में जुटा है.लेकिन यह राजमार्ग कब तक ठीक हो जाएं इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में यात्रियों को काफी डर का सामना करना पड़ रहा है साथ यात्रा में अनेक प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं.
12 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
इस बार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा हो रही है. इन लोगों की संख्या 12 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है. यह वह भीड़ है जिन्होंने दर्शन कर लिए हैं. इसके अलावा चारधाम यात्रा के दूसके चरण में भी बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खस्ताहाल सड़क और भूस्खलन क्षेत्र चुनौती बनेंगे.
ऋषिकेश से बदरीनाथ धाम तक इस राजमार्ग पर 38 भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हैं. इनमें भी सर्वाधिक 25 भूस्खलन क्षेत्र चमोली जिले में मौजूद हैं. इससे पहले 10 भूस्खलन क्षेत्रों में तबाही मच हुए है जिसने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं साथ ही इस प्राकृतिक आपदा के चलते कई राजमार्गों को बंद कर दिया गया जिससे लोगों को यात्रा करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऋषिकेश से श्रीनगर तक 145 किमी दायरे में 10 भूस्खलन क्षेत्र हैं. इसके बाद रुदप्रयाग जिले में 44 किमी में तीन भूस्खलन क्षेत्र पड़ते हैं.चमोली जिले में राजमार्ग कमेड़ा से बदरीनाथ धाम तक करीब 160 किमी लंबा है. चारधाम यात्रा की तैयारी के दौरान मार्ग पर 10 भूस्खलन क्षेत्र चुने गए हैं. लेकिन वर्षाकाल में लगातार वर्षा के चलते कमेड़ा से धाम तक 15 भूस्खलन क्षेत्र और विकसित हो गए.