Clapping Reason: कब बजानी चाहिए भगवान शिव के मंदिर में ताली, जानिए इसका कारण और क्या है समय?
Clapping Reason: भगवान शिव की पूजा हर सोमवार के दिन की जाती है साथ ही कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव की उपासना सच्चे मन से करते हैं उनके जीवन में कभी किसी भी तरह की कोई भी समस्या नहीं आती है.
हाइलाइट
- भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है.
Clapping Reason: भगवान शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है. उनकी पूजा-पाठ करना बेहद ही सरल होती है. इसके साथ ही शिव जी की पूजा का महत्व अधिकतर सावन के दिनों में होता है. सावन में भगवान शिव से जो भी व्यक्ति सच्चे मन कुछ मांगता है को भगवान शिव की इच्छा अवश्य पूरी करते हैं. व मंदिरों में भी भगवान शिव के भक्तों की भीड़ नजर आती है. जब भी आप भगवान शिव के मंदिर जाते हैं तो वहां मौदूज लोगों को तालियां बजाते हुए देखा होगा.
रावण से बड़ा भक्त नहीं है कोई
जैसा की आप लोग जानते ही हैं कि रावण भगवान शिव का प्रिय भक्त था, उसके बाद से किसी ने भी भगवान शिव की उपासना उतनी नहीं की जितना रावण ने उन्हें अपनी भक्ति से प्रसन्न किया था. रावण न केवल भक्ति में लींन था बल्कि उसने अपना सिर पर भगवान शिव के चरणों में अर्पित कर दिया था. रावण ने करीब 3 बार ताली बजाकर अपने दुख को भगवान शिव के समीप रखा.
क्या है तीन बार ताली बजाने का कारण
शास्त्रों में इस बात को लेकर कई कथाएं बताई गईं हैं. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की कई पटरनियां थी. लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी, जिसके चलते वह बहुत दुखी रहती थीं. जिसके चलते उन्होंने भगवान शिव की पूजा करनी शुरू कर दी. और रावण की तरह तीन बार तालियां बजाकर भगवान शिव से संतान की मनोकामना की, जिसके बाद भगवान शिव प्रसन्न होकर उस महिला को संतान प्राप्ति का वारदान दिया.
शास्त्रों में कहा जाता है कि शिव मंदिर में पूजा करने के बाद हर समय 3 बार ताली नहीं बजानी चाहिए. कई भक्त ऐसे होते हैं कि शिव मंदिर में किसी भी टाइम में आकर पूजा-पाठ करने लगते हैं. भगवान शिव की पूजा-पाठ करने के लिए समय से आएं और तभी ताली बजाएं. कई लोगों का मानना है कि ताली बजाने से भगवन शिव जल्द सुनते हैं .