Devkinandan Thakur Pravachan: ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण का दिल धड़कता है. ऐसा माना जाता है यहां भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति में दिल धड़कता है जिसे ब्रह्म पदार्थ कहा जाता है. मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण ने देह त्याग की, तो उनका पूरा शरीर जलकर राख हो गया, लेकिन उनका हृदय नहीं जला. पांडवों ने इसे पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया, जहां से यह एक लठ्ठे का रूप ले लिया. इस लठ्ठे को राजा इंद्रद्युम्न ने भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर रखवा दिया था.
जब भी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को 12 साल में बदला जाता है, तब पुजारी की आंखों पर पट्टी बांधी जाती है और हाथों को कपड़े से ढक दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस ब्रह्म पदार्थ को देखने से अनिष्ट होने की संभावना है. इस मंदिर के ऊपर से हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति नहीं है. इस मंदिर की परछाई कभी भी नहीं पड़ती.