Dhanteras 2023: हिंदू धर्म में दिपावली को लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं. साथ ही त्योहार आने से पहले ही लोग दिपावली का इतंजार करने लग जाते है. इस खास मौके पर लोग 2 हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं. धनतेरस के दिन सभी लोग किसी न किसी वस्तु को खरीदने बाजारों की दुकानों पर जाते हैं. इस दिन अन्न की देवी अन्नपूर्णा के साथ आरोग्य के देवता धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है.
मान्यताओं के अनुसार सोना समृद्धि और शुभता का प्रतीक है. कहा जाता है कि सोने में धन की देवी माता लक्ष्मी भी वास करती हैं यही वजह है कि धनतेरस के दिन बड़ी संख्या में लोग सोने की खरीदारी करते हैं और इस दिन बाजारों में अच्छी खासी रंगत देखने को मिलती है.
पौराणिक कथा के अनुसार देवता और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था. इस समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न निकले थे. जिसमें धन की देवी लक्ष्मी, अमृत कलश धनवंतरी और एक रत्न था हलाहल शमिल थे. धनवंतरी स्वर्ण कलश में अमृत लिए हुए प्रकट हुए हैं.
इसेक बाद भगवान विष्णु ने मोहनी का रूप धारण करके उस अमृत को देवताओं को पिला दिया. उस दिन त्रयोदशी था. इसीलिए तब से धन त्रयोदशी के दिन सोने चांदी या पीतल या तांबे के कलश खरीदे जाते हैं.
धनतेरस पर सोना, पीतल आदि की खरीदारी करने से धन और वैभव में वृद्धि होती है.
धनतेरस के दिन सोना या पीतल खरीदने से भगवान धन्वंतरी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से उत्तम सेहत मिलती है.
धनतेरस पर सोने की खरीदारी के बाद यमराज को दीप दान करने से मृत्यु भय खत्म होता है. First Updated : Tuesday, 07 November 2023