Dhanteras 2024: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या से दो दिन पहले मनाया जाता है. इस दिन को शुभ मानते हुए लोग भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन सोने और चांदी की खरीदारी करने से घर में धन-संपत्ति और सौभाग्य की वृद्धि होती है. इसके साथ ही धन से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं.बता दें कि इस वर्ष धनतेरस का पर्व विशेष संयोगों के साथ मनाया जा रहा है.
ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर इस बार उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र योग का निर्माण हो रहा है. इन विशेष योगों में पूजा करने से भगवान धन्वंतरि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-सौभाग्य की वृद्धि होती है.
धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो स्वास्थ्य और लंबी आयु का प्रतीक माने जाते हैं. भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ धन और समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करके घर में सुख-शांति और धन की स्थिरता आती है.
धनतेरस की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे उत्तम माना गया है. इस वर्ष प्रदोष काल संध्याकाल 05:38 बजे से शुरू होकर रात 08:13 बजे तक रहेगा. साथ ही, वृषभ लग्न का समय 06:31 बजे से 08:13 बजे तक है. ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय में पूजा करने से मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा बनी रहती है, जिससे घर में धन और समृद्धि का वास होता है.
प्रदोष काल: शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक
वृषभ लग्न: शाम 06:31 बजे से रात 08:13 बजे तक
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक साफ स्थान पर पूजा की थाली सजाएं.
थाली में दीपक, चावल, रोली, पुष्प, और पीला कपड़ा रखें.
इसके बाद भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र रखकर उन पर फूल अर्पित करें.
धनतेरस पर नए बर्तन या सोने-चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है, इसे पूजा में शामिल करें.
पूजा के बाद पूरे घर में दीप जलाएं और मां लक्ष्मी से धन और समृद्धि की कामना करें.
धनतेरस पर इस विशेष मुहूर्त में पूजा करने से भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होगा. First Updated : Tuesday, 29 October 2024