पितृ पक्ष में तर्पण के समय भूलकर भी न करें ये गलती, नहीं तो नाराज हो जाएंगे पितृ

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में साल के 15 दिन पितृ को समर्पण होते हैं जिसमें उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ किया जाता है. इस दौरान विशेष पूजा भी की जाती है जिससे पितृ की किसी भी तरीके कि कोई समस्या न हो साथ ही वो जहां भी हो खुश हो. लेकिन आपको बता दें, कि पितृ पक्ष में तृपण के दौरान कुछ गलती को भूल कर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पितृ नाराज हो जाते हैं.

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का खास महत्व रखता है. इस समय अपने-अपने पूर्वजों की पूजा की जाती है. उनके नाम से तर्पण, श्राद्ध तर्पण इत्यादि किया जाता है. माना जाता है कि साल के कुल 15 दिन पितरों को समर्पित रहते हैं. इसी को पितृपक्ष भी कहते हैं. पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए यह समय बेहद उत्तम माना जाता है. 

अगर इस समय पितृ के नाम श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान इत्यादि करते हैं तो पितृ प्रसन्न होते हैं और वंश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. लेकिन श्राद्ध करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है नहीं तो पितृ नाराज हो सकते हैं और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए पूजा करते समय विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. 

कब पड़ रहा है पितृ पक्ष

इस साल 18 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध से ही पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है और समापन अमावस्या के दिन यानी 2 अक्टूबर को होने वाला है. इन 15 दिनों में पितृ देवलोक से धरती लोग पर आते हैं और  संतानों को सुखी संपन्न का आशीर्वाद देकर अमावस्या के दिन वापस देवलोक पधार जाते हैं. पितृपक्ष के दौरान श्रद्धा भक्ति के साथ किए गए तर्पण से पितृ, भूत प्रेत, देवता तृप्त होते हैं. लेकिन तर्पण करते वक्त कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, नहीं तो पितृ नाराज भी हो सकते हैं और परिवार पर नकरात्मक असर भी पड़ सकता है.

किन बातों का रखें विशेष ध्यान

मुख दक्षिण दिशा में हो

जब भी अपने पितरों का तर्पण करें तो मुख हमेशा दक्षिण दिशा में ही रखें.

अंगूठे का सहारा लेने से बचें

जब पितरों के नाम से जल अर्पण किया जाता है तो तर्जनी और अंगुष्ठ के भाग से ही जल को अर्पण करना चाहिए. इस भाग को पितृ तीर्थ भी कहा जाता है

खाली जल अर्पण ना करें

पितृ तर्पण के दौरान खाली जल अर्पण खोलकर भी नहीं करना चाहिए. उसे जल में तिल मिलाकर ही जल अर्पण करना चाहिए, तभी वह तर्पण माना जाता है.

जनेऊ दाहिने कंधे पर हो

अगर आप जनेऊ पहनते हैं तो तर्पण करते वक्त मुख्य दक्षिण दिशा में साथ ही जनेऊ आपके दाहिने कंधे पर होना चाहिए. ऐसा करने से ही पितृ तर्पण शुभ माना जाता है और पितृ प्रसन्न होते हैं.

सफेद वस्त्र 

पिंडदान या तर्पण करते वक्त हमेशा सफेद वस्त्र ही धारण करें और दोपहर के बाद ही यह क्रिया करें.

calender
03 September 2024, 09:34 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो