Dhanteras 2024 Remedies: वैदिक पंचांग के अनुसार दिवाली हर साल असो मास की अमास तिथि को मनाई जाती है. दिवाली से 2 दिन पहले असो मास के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को लक्ष्मी, कुबेर और यम के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन घर के बाहर दीपक जलाए जाते हैं और दीपदान को भी विशेष महत्व दिया जाता है. इससे यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में असो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है.
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार असो माह कृष्ण पक्ष की तृतीया धनतेरस को मनाया जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर महाराज, भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ-साथ यम देवी की पूजा करने का विशेष महत्व है.
माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा करने से धन के भंडार भर जाते हैं, वहीं धन्वंतरि देव की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही यम देवता को दीपदान करने से अकाल मृत्यु का नाश होता है. तेरस के दिन पहला दीपक यम देवता को प्रसन्न करने के लिए दक्षिण दिशा में जलाया जाता है जिससे असामयिक मृत्यु का भय हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है.
पंडित श्रीधर शास्त्री का कहना है कि धनतेरस को लेकर बहुत भ्रम है, कुछ लोगों का कहना है कि धनतेरस 29 अक्टूबर को है और कुछ लोग 30 अक्टूबर को यह त्योहार मनाएंगे. वैदिक पंचांग के अनुसार तेरस तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी.
धनतेरस का त्योहार उदया तिथि के अनुसार 30 अक्टूबर 2024 मंगलवार को मनाया जाएगा. कहा जाता है कि यमराज को प्रसन्न करने के लिए सूर्यास्त के बाद दीपदान किया जाता है, इसलिए 30 अक्टूबर की रात को यमराज को प्रसन्न करने के लिए दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाने से विशेष लाभ होगा. First Updated : Tuesday, 22 October 2024