Draupadi-Shri Krishna Rakhi Story : रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. जो कि भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं. इस त्योहार को मनाने के पीछे कई तरह की पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं रक्षाबंधन का संबंध महाभारत काल से भी जुड़ी है. द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण को राखी बांधी थी.
मान्यताओं के अनुसार रक्षा बंधन से जुड़ी एक कथा बहुत प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने जब शिशुपालन का वध किया था तो उसे दौरान भगवान श्री कृष्ण घायल हो गए थे. तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी को फाड़ कर भगवान की उंगली पर बांध दिया था. उस समय भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को रक्षा का वचन दिया था. इसके बाद द्रौपदी चीर हरण होने लगा था तब गोविंद ने उनकी लाज बचाई थी. साथ ही द्रौपदी के मान-सम्मान की रक्षा की थी.
रक्षाबंधन से जुड़ी एक और कथा प्रचलन में है. मान्यताओं के अनुसार एक बार असुरों और देवताओं के बीच युद्ध हुआ था. जिसमें आसुरी शक्तियों हावी थीं. इंद्र की पत्नी इंद्राणी अपने पति देवताओं के राजा इंद्र को लेकर परेशान थीं. फिर उन्होंने एक सुरक्षात्मक धागा बानाया और उसे इंद्र की कलाई बार दिया था. कहा जाता है कि इसके बाद ही देवताओं ने युद्ध जीत लिया था. जिस दिन इंद्राणी ने इंद्र को धागा बांदा था उस दिन सावन पूर्णिमा थी. इसलिए तभी से रक्षा बंधन मनाया जाता है. बाद में इसे भाई-बहन के रिश्ते में बदल दिया गया. First Updated : Friday, 25 August 2023