Durva niyam: बुधवार का दिन गौरी पुत्र गणेश जी को समर्पित है। भगवान गणेश की पूजा में मोदक का भोग और दुर्वा चढ़ानी की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। जिसका लोग गणेश जी की पूजा में उपयोग करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान गणेश जी को दुर्वा अधिक प्रिय होता है।
ऐसा मानना है कि जो पुरुष या महिला पूजा के करते समय भगवान को दुर्वा अर्पित नही करते हैं उनसे भगवान गणेश प्रसन्न नही होते हैं। गणेश जी की पूजा करते समय दर्वा घास का बेहद ध्यान रखना चाहिए। दुर्वा चढ़ाने के कई नियम भी होते हैं, आइए जानते हैं।
यदि आप गणेश जी की पूजा करते समय दुर्वा घास चढ़ाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको दुर्वा घास को साफ पानी से धो लेना चाहिए। साथ ही दुर्वा किसी साफ स्थान से लेकर आनी चाहिए।
जल्दबाजी के दौरान कई लोग सोचते हैं कि हम दफ्तर जाने के लिए लेट न हो जाएं इसी वजह से वह किसी भी स्थान से दुर्वा ले आते हैं, लेकिन गणेश जी को साफ स्थान से दुर्वा चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से आप कई तरह की समस्याओं में फंस सकते हैं साथ ही भगवान गणेश भी आप से नाराज हो सकते हैं।
कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि दुर्वा आखिर किस समय और कब चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय दुर्वा का जोड़ा बनाकर भगवान गणेश को अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही जब भी आप दुर्वा को चढ़ाएं तो भगवान गणेश के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। First Updated : Wednesday, 28 June 2023