Explainer: भगवान शिव रोजाना ॐ नमः: शिवाय जाप करने से होंगे प्रसन्न, जानिए मंत्र का महत्व
Lord Shiva : भगवान शिव को सबसे अधिक ॐ नमः: शिवाय मंत्र प्रिय है. वेदों में कहा गया है कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए ॐ नमः: शिवाय का जाप काफी है.
Om Namah Shivay Mantra : भगवान शिव के भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए सावन के सोमवार/सोमवार के व्रत रखते हैं. मंदिर में जाकर शिव लिंग पर दूध चढ़ाते हैं. भोलेनाथ को देवों के देव महादेव कहा जाता है. क्योंकि महादेव ने सृष्टि के कल्याण के लिए विष पी लिया था. भगवान शिव के कई तरीके के मंत्र है जिनका शिव भक्त रोज जाप करते हैं. लेकिन भोलेनाथ को सबसे अधिक ॐ नमः: शिवाय मंत्र प्रिय है. इस मंत्र का जाप करने से वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.
ॐ नमः: शिवाय मंत्र की उत्पत्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव पृथ्वी पर अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे. जब अग्नि स्तंभ अपने पूर्ण तेज के साथ धरती पर अवतरण हुआ तब यह स्तंभ पंच मुखी था. इन पांच तत्वों में पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु शामिल हैं. उन तत्वों के प्रभाव से अग्नि स्तंभ में ऊर्जा का संचार हुआ और उससे से ॐ शब्द की उत्पत्ति हुई. बाद के दो शब्दों की उत्पत्ति नम: और शिवाय की उत्पत्ति पंच तत्वों से हुई. आपको बता दें कि पहली बार भगवान विष्णु ने अपने मुख से ॐ नमः: शिवाय मंत्र ता उच्चारण किया.
मंत्र का महत्व
स्कंदपुराण में बताया गया है कि ॐ नमः: शिवाय मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और साधक को लौकिक, परलौकिक सुख की प्राप्ति होती है. वेदों में कहा गया है कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए ॐ नमः: शिवाय का जाप काफी है. इसके अलावा मंत्र के जाप से जीवन के सभी दुख, सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं और शिवजी की असीम कृपा बरसने लगती है. रोजाना इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करता है. वहीं नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद मिलती है.
मंत्र के जाप का नियम
ॐ नमः: शिवाय मंत्र का जाप किसी भी वक्त किया जा सकता है. ध्यान रहे जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुह करके ही करे. जाप हमेशा शिव मंदिर, शिवालय, तीर्थ या घर में साफ करके, शांत पर एकांत जगह में बैठ कर करना चाहिए. ॐ नमः: शिवाय मंत्र का जाप 108 बार रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए.