Explainer: राम मंदिर उद्घाटन से पहले पीएम मोदी करेंगे यम नियम का पालन, जानिए शास्त्रों से क्या है इसका संबंध

What Is Yama Niyama : किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन किया जाता है.

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

Ayodhya Ram Mandir : भारत के लोगों के लिए 22 जनवरी, 2024 का दिन बहुत ही खास और ऐतिहासिक होने वाला है. इस दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. मंदिर के गर्भगृह में बाल रुपी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसकी जोर-शोर से तैयारी हो रही है. मंदिर के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी 11 दिन के अनुष्ठान में जुट गए हैं. इसके लिए पीएम मोदी को 45 अलग-अलग प्रकार के यम नियमों का पालन करना होगा. इन नियमों को शास्त्रों में बहुत ही कठिन माना जाता है. आज हम आपको यम नियम क्या होते हैं? इसके बारे में बताएंगे.

क्या है यम नियम

धर्म शास्त्रों और धार्मिक आयोजनाओं के विशेषज्ञ के अनुसार किसी भी यज्ञ या समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन किया जाता है. अष्टांग योग के 8 अंगों में सबसे पहले यम और फिर नियम की ही व्याख्या है. अनुष्ठान में जिन यम नियमों का पालन करना होता है उसमें यजमानों को रोज सुबह नहाना पड़ता है. निमय के अनुसार बाहर का कुछ भोजन और धूम्रपान का त्याग करना होगा. क्रोध, अहंकार और मद से मुक्त रह कर मन को विचलित करने के दृश्यों से दूरी बनानी होगी. साथ ही सच बोलना होगा और सच बोलने में परेशानी होने पर मौन रहना होगा.

इन बातों को रखें याद

यम नियम के तहत अच्छे विचार और सही चिंतन करना चाहिए. इसका पालन करने वाले व्यक्ति को आचार्य व ब्राह्मणों से झगड़ नहीं करना चाहिए और उन्हें कटु वचन नहीं बोलने चाहिए. पुरूष यजमान को सूती वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. भोजन में हल्दी, सरसों, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, अंडा, मास, तेल से बना पर्दाथ, चना राईस भुजिया, गुड़ आदि नहीं खाने चाहिए. दोपहर को सबसे ब्राह्मण को खाना खिलाना चाहिए फिर यजमान को भोजन करना होता है.

यम नियम के प्रकार

यम नियम पांच प्रकार के होते हैं. अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह. यानी मन, वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य का पालन, अस्तेय चोरी की भावना का त्याग करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना. इसमें प्रथम नियम में स्वच्छता, संतोष की भावना, तप और जप, धर्म शास्त्रों का स्वाध्याय औऱ ईश्वर का प्राणिधान यानी पूर्ण आस्था होनी जरूरी है. इन सब पड़ाव को पार करके व्यक्ति दीक्षित होने अनुष्ठान करने का शास्त्रीय तौर पर अधिकारी हो जाता है.

शास्त्रों से क्या है संबंध

पीएम मोदी जिन नियमों का पालन कर रहे हैं उनका शास्त्रों से बड़ा संबंध है. शास्त्रों के अनुसार देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा एक बड़ी विस्तृत प्रक्रिया है और इसके लिए नियम बनाए गए हैं. इन नियमों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के कुछ दिन पहले से इन नियमों का पालन करना होता है. शास्त्रों में देव प्रतिष्ठा तो पार्थिव मूर्ति में भगवान की शक्ति के संचार का अनुष्ठान बताया गया है. इसमें ही अनुष्ठान से पहले व्रत के नियमों का पालन करने को कहा गया है.

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13 January 2024, 10:28 AM IST

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