पापाकुंशा एकादशी का आज व्रत, करें इस व्रत कथा का पाठ, मिलेगा ईश्वर का आशीर्वाद
Papankusha Ekadashi 2024: हर महीने एकादशी तिथि पर व्रत रखा जाता है. इस बार ये 13 अक्टूबर को रखा जाएगा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने से व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही विष्णु भगवान की कृपा मिलती है तो चलिए इस दिन की व्रत कथा का पाठ करते हैं जिसके प्रताप से कल्याण की प्राप्ति हो सके.
Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी का व्रत अत्यंत उत्तम माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है. इस साल ये 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से साधक के सभी पापों का नाश हो जाता है. इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पापंकुशा एकादशी की व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पापंकुशा एकादशी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं, जिसमें से एक का जिक्र यहां किया गया है. विंध्याचल पर्वत पर क्रोधन नामक एक बहेलिया रहता था. वह बड़ा क्रूर था. उसका सारा जीवन हिंसा, लूटपाट और गलत संगति में ही बीता था. एक दिन अचानक उसे जंगल में तपस्या करते हुए अंगिरा ऋषि से मिला. उसने अंगिर ऋषि से कहा मेरा कर्म बहेलिया का है इस कारण मुझे न जानें कितने ही निरीह पशु-पक्षियों मारना पड़ा है. मैनें जीवन भर पाप कर्म ही किए हैं, इसलिए मुझे नर्क ही जाना पड़ेगा.
कृपा कर मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे मेरे सारे पाप मिट जाएं और मोक्ष की प्राप्ति हो. उसकी प्रार्थना को सुनकर महर्षि अंगिरा ने उसे आश्विन शुक्ल की पापांकुशा एकादशी का व्रत करने के लिए कहा.
महर्षि के कहे अनुसार, उस बहेलिए ने पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा और भगवान श्री हरि की विधिवत पूजा की. विष्णु भगवान के आशीर्वाद से बहेलिया के सारे पाप नष्ट हो गए. वहीं, जब यमदूत बहेलिए को यमलोक लेने के लिए आए, तो वह इस चमत्कार को देखकर हैरान हो चुके थे कि पापांकुशा एकादशी व्रत के प्रभाव से बहेलिए के सभी समाप्त हो चुके हैं,
जिसके चलते यमदूतों को खाली हाथ यमलोक लौटना पड़ा और बहेलिया को भगवान विष्णु की कृपा से बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई.