इन 5 दिनों में रोजा रखने पर मिलता है गुनाह! बताया गया है हराम
रमजान के महीने में रोजा रखने को पुण्य यानी सवाब का काम बताया गया है. हालांकि 5 दिन ऐसे हैं जब रोजा रखना हराम बताया गया है.
मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना रमजान चल रहा है. इस महीने में सभी मुसलमानों को रोज़ा रखने के लिए कहा गया है. साथ ही ज्यादा से ज्यादा इबादत करने को भी कहा गया है. इस्लाम के महीने में रमजान को रहमत, बरकत और माफी वाला महीना करार दिया गया. कहा जाता है कि रोजे रखकर ज्यादा से ज्यादा इबादत करें अल्लाह से अपने गुनाहों की सच्चे दिल से माफी मांगे तो आपको माफी मिल जाती है.
यही कारण है कि सभी मुसलमान इस महीने में रोजे रखते हैं. साथ ही रमजान के रोजे रखना इस्लाम में फर्ज है. हालांकि रमजान के अलावा भी कुछ लोग अलग-अलग मौके पर रोजे रखते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ दिन ऐसे भी हैं जिन दिनों में रोजा रखना हराम यानी पाप करार दिया गया है? अगर नहीं जानते हैं तो फिर आज हम आपको बताएंगे.
दरअसल इस्लाम में 5 दिन ऐसे हैं जब रोजा रखने को हराम यानी सख्ती से मना किया गया है. इनमें पहला दिन ईद उल फित्र यानी रमजान के बाद आने वाले ईद के दिन रोजा रखना मना बताया गया है. इसके अलावा चार अन्य दिन जिलहिज्जा (बकरीद वाला महीना) में पड़ते हैं. इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से जिलहिज्जा के महीने में ईद उल अज़हा का त्योहार मनाया जाता है.
जिलहिज्जा की 10 तारीख को बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. ऐसे में 10, 11, 12 और 13 जिलहिज्जा को भी रोजा रखना हराम है. यानी बकरीद और उसके अगले तीन दिनों तक इस्लाम में रोजा नहीं रख सकते हैं. इन दिनों को लेकर कहा गया है कि यह खाने-पीने और खुशियां बांटने वाले दिन हैं. ऐसे में इन दिनों में बिल्कुल रोजा ना रखें.