महिला नागा साधु महाकुंभ में करेंगी नग्न स्नान, जानिए क्या हैं इसके नियम?
महाकुंभ में कम संख्या में महिला नागा साधु नजर आ रही हैं. संगम नगरी में सभी श्रद्धालु भक्ति में डूबे हुए हैं. ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधुओं को भी पुरुष नागा साधुओं की तरह निर्वस्त्र होकर रहना पड़ता है? और इतनी बड़ी भीड़ में वो कैसे स्नान करती होंगी?
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य शुभारंभ हो चुका है और पहले अमृत स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. अब तक 50 लाख से ज्यादा लोग इस पवित्र स्नान का हिस्सा बन चुके हैं. इसके अलावा, नागा साधुओं की भी भारी भीड़ महाकुंभ में आई हुई है. हालांकि, महिलाएं नागा साधु के रूप में कम ही नजर आती हैं, लेकिन इस बार संगम में महिला नागा साधु भी बड़ी संख्या में आई हैं.
सवाल यह उठता है कि क्या महिलाओं को भी नागा साधुओं की तरह निर्वस्त्र रहना पड़ता है. इसका उत्तर है - नहीं. महिला नागा साधु हमेशा वस्त्र पहनकर रहती हैं. वे निर्वस्त्र नहीं होतीं. वे गेरुआ रंग के कपड़े पहनती हैं, जो बिना सिले होते हैं. यह कपड़ा उन्हें दिनभर भगवान शिव की पूजा और साधना में मदद करता है.
महिला नागा साधु का महाकुंभ में नग्न स्नान
महिला नागा साधुओं को निर्वस्त्र रहने की अनुमति नहीं होती, जैसे कि पुरुष नागा साधुओं को होती है. महिला नागा साधु बनने के बाद ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है, यानी उन्हें 6 से 12 साल तक संन्यास का जीवन जीना होता है. वे अपने माथे पर तिलक भी लगाती हैं और गेरुआ रंग का एक बिना सिला हुआ कपड़ा पहनती हैं, जिसे 'गंती' कहा जाता है.