साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण कल, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!
Surya Grahan 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण 2025 शनि अमावस्या के दिन लगेगा, जिससे यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास बन गया है. इस दिन शनि देव मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ जाएगा. हालांकि, यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन इसके बावजूद, ग्रहण से जुड़ी कुछ सावधानियों को अपनाना जरूरी है. तो चलिए जानते हैं.

Surya Grahan 2025: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ संयोग लेकर आ रहा है. इस दिन शनि अमावस्या भी पड़ रही है, जिससे इसका ज्योतिषीय महत्व और बढ़ जाता है. पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर शनिदेव मीन राशि में गोचर कर रहे हैं. यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी होती हैं, अन्यथा इसका नकारात्मक प्रभाव जीवन में परेशानियां बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं कि ग्रहण के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-से कार्य करने से बचना जरूरी है.
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
मंदिर या मूर्तियों को न छूएं- ग्रहण के समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ करने या मूर्तियों को छूने से बचें.
भोजन न बनाएं और न ही खाएं- ग्रहण काल में भोजन पकाना और खाना वर्जित माना जाता है. इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए.
बाल और नाखून न काटें- ग्रहण के दिन बाल और नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता. इससे दुर्भाग्य बढ़ सकता है.
तामसिक भोजन का सेवन न करें- ग्रहण के दौरान मांस, शराब और अन्य तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए.
श्रृंगार न करें- महिलाओं को इस समय श्रृंगार करने से बचना चाहिए.
नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें- कैंची, चाकू और सुई जैसी धारदार चीजों का प्रयोग न करें.
गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए और किसी नकारात्मक स्थान पर जाने से बचना चाहिए.
ग्रहण के दौरान क्या करें?
तुलसी के पत्ते डालें- सूतक काल से पहले घर में रखी खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें ताकि वे दूषित न हों.
मंत्र जाप और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें- ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए रामायण, भगवद गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें.
दान-पुण्य करें- ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में सफाई करें और गरीबों को अन्न, वस्त्र और अन्य आवश्यक चीजों का दान करें.
स्नान करें- ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान करना बेहद लाभकारी माना जाता है.
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का प्रभाव
इस बार सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का संयोग बन रहा है, जिससे यह दिन और भी विशेष हो गया है. इस दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए काले तिल, सरसों के तेल और काले कपड़ों का दान करना शुभ माना जाता है. साथ ही, जरूरतमंदों की मदद करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.