Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या के दिन अपनाएं ये उपाय, पितृ दोष से पाएं मुक्ति
हिंदू धर्म के अनुसार, शनिदेव को कर्मों के देवता कहा जाता है. वे व्यक्ति को उनके किए गए अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. यदि किसी व्यक्ति पर शनिदेव की कुदृष्टि पड़ जाए, तो उसे जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. वहीं, यदि किसी पर शनिदेव की कृपा होती है, तो उसके सभी बिगड़े काम सुधर जाते हैं. इस कारण हर शनिवार को शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है.

शनि अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. यह दिन शनिदेव की पूजा और पितृ दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. शनि अमावस्या पर शनिदेव की विशेष पूजा विधि और कुछ सरल उपायों को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में शांति, समृद्धि और पितृ दोष से मुक्ति पा सकता है.
हिंदू धर्म के अनुसार, पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों को उचित श्राद्ध या तर्पण नहीं दिया जाता है. इस दोष के कारण जीवन में परेशानियां और संकट आते हैं. शनि अमावस्या का दिन इस दोष को निवारण करने के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है. इस दिन विशेष रूप से पितृ तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
शनि अमावस्या पर करने वाले सरल उपाय
- तर्पण और श्राद्ध कर्म: शनि अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध अर्पित करना चाहिए. यदि घर में पितरों की कोई विशेष पूजा की परंपरा है, तो उसे विधिपूर्वक करें.
- शनिदेव की पूजा: इस दिन विशेष रूप से शनिदेव की पूजा करें. शनिदेव को तेल का दीपक अर्पित करें और उनकी विशेष मंत्रों से पूजा करें. "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप लाभकारी रहता है.
- काले तिल का दान: काले तिल, उड़द की दाल और तेल का दान शनि अमावस्या के दिन करना बहुत लाभकारी होता है. इससे शनि ग्रह का कुप्रभाव कम होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
- शनि मंत्र का जाप: "ॐ शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप 108 बार करें. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और पितृ दोष नष्ट होता है.
- काली वस्तुएं दान करें: काली वस्तुएं जैसे काले तिल, काले कपड़े, लोहे का सामान आदि का दान करना शनि अमावस्या के दिन विशेष रूप से फलदायी होता है.
शनि अमावस्या का दिन पितृ दोष से मुक्ति
शनि अमावस्या का दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए उपयुक्त समय है. इन सरल उपायों को अपनाकर न केवल आप अपने जीवन में शांति और समृद्धि ला सकते हैं, बल्कि अपने पितरों को भी आशीर्वाद प्रदान कर सकते हैं. इस दिन किए गए उपायों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुधार होता है.