Ganesh Jayanti 2025: आज है गणेश जयंती, इस खास मुहूर्त में करें पूजा, जानें पूजन विधि
Ganesh Jayanti 2025: गणेश जयंती के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होते हैं. इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा से बुद्धि, बल और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है.

Ganesh Jayanti 2025: गणेश जयंती 2025 आज यानी 1 फरवरी को मनाई जा रही है. यह दिन भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है. भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन के सभी विघ्न समाप्त होते हैं और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री के बारे में जानना आपके लिए लाभकारी रहेगा.
गणेश जयंती का शुभ मुहूर्त
गणेश जयंती के दिन पूजा करने के लिए विशेष मुहूर्त है, जो सुबह 11 बजकर 38 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस दौरान गणेश जी की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस 2 घंटे 2 मिनट के समय में भगवान गणेश की पूजा करने से उनके आशीर्वाद से सभी बाधाएं दूर होती हैं. वहीं, रात 9 बजकर 2 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 7 मिनट तक वर्जित चंद्र दर्शन का समय है, जिससे इस दौरान पूजा से बचना चाहिए.
गणेश जयंती की पूजा विधि
गणेश जयंती पर भगवान गणेश की पूजा करने की विधि का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है. पूजा का सही तरीका निम्नलिखित है:
1. स्नान और वस्त्र धारण: पूजा के दिन सुबह जल्दी स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
2. गणेश की स्थापना: एक चौकी पर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें और उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं.
3. पूजा सामग्री: भगवान गणेश को धूप, दीप, फूल, रोली, दुर्वा, सुपारी, फल और मिठाई अर्पित करें.
4. मोदक का भोग: गणेश जी को मोदक का भोग अर्पित करें.
5. कथा और मंत्र: गणेश जयंती की कथा पढ़ें या सुनें और गणेश मंत्रों का जाप करें.
6. आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें और प्रसाद वितरित करें.
गणेश जयंती का महत्व
गणेश जी की पूजा से व्यक्ति के जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और उसे समृद्धि और खुशहाली मिलती है. मान्यता है कि गणेश जयंती के दिन पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं. यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है और व्रत रखने का विशेष महत्व है.
गणेश जयंती का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि समाजिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज में समृद्धि, सुख-शांति और बुराइयों का नाश करने का प्रतीक है.