Ganga Dussehra 2024: जानें कब है गंगा दशहरा, स्नान दान और इन मंत्रों का जाप देगा विशेष फल
Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा के दिन मां गंगा के स्नान से इंसान हर पापों से मुक्त हो जाता है. इस साल गंगा दशहरा कब मनाया जाएगा, और इस दिन क्या करना चहिए ये जानने के लिए आपको खबर को पूरा पढ़ना होगा.
Ganga Dussehra 2024: ज्येष्ठ मास में हर साल गंगा दशहरा मनाया जाता है. इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है. गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से इंसान पाप मुक्त हो जाता है. साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है, मगर अगर कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने न जा सके तो उसे किसी पवित्र नदी में गंगा मैय्या का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए. अगर आपके लिए यह भी संभव न हो तो अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर मन ही मन गंगा मैय्या को प्रणाम करें.
गंगा दशहरा का है हिन्दू धर्म में विशेष महत्व
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा के दिन की महत्वता बहुत अलग है. आपको बता दें कि पृथ्वी के अंदर गंगा के वेग को सहने की शक्ति न होने की वजह से भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं के बीच स्थान दिया था. जिससे धारा के रूप में पृथ्वी पर गंगा का जल उपलब्ध हो सके, इसलिए गंगा दशहरा के दिन गंगा मां के साथ शिव की भी आराधना होती है.
हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल गंगा दशहरा आने वाले 16 जून 2024 को मनाया जाएगा. गंगा दशहरा के दिन चित्रा नक्षत्र और पंच महायोग का विशेष संयोग बन रहा है. इस योग में अगर व्यक्ति गंगा स्नान के साथ पूजा पाठ करता है तो मां गंगा की कृपा उसे जरूर प्राप्त होती है. इसके अलावा उसे कई तरह के पापों से छुटकारा मिलता है.
गंगा स्नान पर करें इन मंत्रों का जाप
जय जय भगीरथ नन्दिनि, मुनि-चय चकोर-चन्दनि,
नर-नाग-बिबुध-बन्दिनि जय जहनु बालिका।
बिस्नु-पद-सरोजजासि, ईस-सीसपर बिभासि,
त्रिपथ गासि, पुन्रूरासि, पाप-छालिका।1।
बिमल बिपुल बहसि बारि, सीतल त्रयताप-हारि,
भँवर बर, बिभंगतर तरंग-मालिका।
पुरजन पूजोपहार, सोभित ससि धवलधार,
भंजन भव-भार, भक्ति-कल्पथालिका।2।
थ्नज तटबासी बिहंग, जल-थल-चर पसु-पतंग,
कीट,जटिल तापस सब सरिस पालिका।
तुलसी तव तीर तीर सुमिरत रघुवंस-बीर,
बिचरत मति देहि मोह-महिष-कालिका।