Ganga Nadi : स्वर्ग से धरती पर कब आई थीं मां गंगा, जानिए गोमुख से जुड़ी अहम जानकारियां
Maa Ganga : पौराणिक कथाएं के अनुसार गंगा का उद्गम स्थल 3900 मीटर ऊंचा गोमुख है. राजा भगीरथ की वजह से ही आज मां गंगा धरती पर आई हैं.
Gaumukh : भारत में सबसे पवित्र नदियों में से एक मां गंगा नदी बहती है. यह हिमालय से निकलकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है. गंगा नदी इनती पवित्र है कि मनुष्य इसमें एक बार स्नान कर ले तो उसके पारे पाप धूल जाते है. सबके पाप धोकर भी गंगा आज भी पवित्र है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वर्ग से मां गंगा धरती पर कैसे आईं. राजा भगीरथ की वजह से ही आज मां गंगा धरती पर आई हैं.
स्वर्ग से धरती पर मां गंगा का आगमन
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के लगभग 14 वीं पीढ़ी पहले राजा भगीरथ हुए. उन्होंने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मां गंगा को धरती पर लाने और पूर्वजों का उद्धार करने के लिए घोर तपस्या की. जिसके बाद भगवान ब्रह्मा ने गंगा की धारा को अपने कमंडल से छोड़ा. तब भगवान शंकर ने गंगा की धाराओं को अपनी जटाओं में समेटकर जटाओं को बांध लिया. इसके बाद भगीरथ की आराधना पर उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं से मुक्त कर दिया. इस तरह मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आईं.
गंगा का उद्गम स्थल
गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री कहलाता है जो कि उत्तराखंड के चारधाम में से एक है. लेकिन सही मायने में उद्गम 18 मील और ऊपर श्रीमुख नामक पर्वत से है. वहां पर गोमुख यानी गाय के मुंह के आकार का एक कुंड है जिसमें से गंगा की धारा निकलती है. पौराणिक कथाएं के अनुसार गंगा का उद्गम स्थल 3900 मीटर ऊंचा गोमुख है. गंगा हिमालय से 12 धाराओं में अलग हो जाती है इनमें मंदाकिनी, भागीरथी, धौलीगंगा और अलकनंदा प्रमुख है. हर साल बड़ी संख्या में लोग गोमुख दर्शन के लिए जाते हैं.