Garuda Puran: मृत्यु से पहले ही निर्धारित हो चुका है सबका अगला जन्म, गरुड़ पुराण से जानिए किस रूप में होगा आपका पुर्णजन्म
Garuda Puran: हर किसी का मृत्यु के बाद किसी न किसी रूप में अगला जन्म होता है। आपका अगला जन्म किस रूप में होगा यह आपके मृत्यु से पहले निर्धारित हो जाता है हालांकि इसका निर्धारण स्वयं के कर्मों के आधार पर किया जाता है।
धर्म शास्त्र में कई ग्रंथ और पुराण है जिसमें से एक गरुड़ पुराण है। गरुड़ पुराण के अनुसार इस संसार में मनुष्य योनी में हमारा जन्म हमारे कर्मों के आधार पर होता है और हमारा अगला जन्म भी हमारे कर्मों के आधार पर ही तय किया जाता है। तो आइए जानते है अच्छे या बुरे कर्मों के आधार पर व्यक्ति का अगला जन्म कैसा होता है।
मृत्यु के बारे भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी वर्णण किया है। भगवान श्री कृष्ण के अनुसार जन्म और मृत्यु जीवन का ऐसा चक्र है जिससे हर व्यक्ति को गुजरना पड़ता है इसलिए इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी निश्चित है और यह जीवन का अटल सत्य है। भगवत गीता में कहा गया है कि मृत्यु के बाद केवल शरीर नष्ट होता है आत्मा नहीं। मृत्यु के बाद आत्मा उस शरीर को त्याग कर नए शरीर को धारण करती है। गरुड़ पुराण में 84 लाख योनियों के बारे में वर्णन किया गया है जिसमें मनुष्य योनि को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। इस पुराण में भगवान श्री कृष्ण ने कर्मों के आधार पर पुनर्जन्म लेने वाले योनि के बारे में बताया गया है यानी की मृत्यु के बाद दोबार किस योनी में जन्म होगा यह पहले से तय है क्योंकि आप इस जीवन में जिस तरह के कर्म करेंगे मृत्यु के बाद उसी आधार पर आपका अगल जन्म निर्धारित होगा। तो आइए जानते उन पांच कर्मों के बारे में जिसके आधार पर आपका पुनर्जन्म होगा।
जो लोग धर्म,वेद,पुराण आदि जैसे धार्मिक ग्रंथों का अपमान करते हैं और भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धाभाव नहीं रखते है और पूजा पाठ नहीं करते हैं वैसे लोग आस्तिक कहलाते है। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगों का जन्म मृत्यु के बाद श्रान यानी कुत्ते के रूप में होता है।
संसार में मित्रता का रिश्ता सबसे खूबसूरत होता है लेकिन कुछ लोग अपने मित्र के रूप में दुश्मन बने रहते हैं। गरुड़ पुराण में ऐसे छल करने वाले लोगों का अगला जन्म गिद्ध के रूप में निर्धारित किया है।
इस संसार में कुछ लोग बहुत चालाक तो कुछ ज्यादा होशियार भी हैं ऐसे लोग अपनी चालाकी से लोग दूसरे लोगों को मुर्ख बनाकर उनका लाभ उठाकर अपना काम निकलवा लेते है। ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद नरक में स्थान प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगों का जन्म मृत्यु के बाद उल्लू के रूप में होता है।
मान्यता है कि कंठ में मां सरस्वती की वास होता है, इसलिए जिन लोगों की वाणी में मिठास नहीं होती और दूसरे को बुरा-भला कहते हैं साथ ही हमेशा गाली-गलौच करते है, वैसे लोगों का अगला जन्म बकरे के रूप में होता।