इस्लाम में क्या है हज की अहमियत? किन लोगों पर होता है फर्ज़, पढ़िए सबकुछ

Hajj 2024: हज 2024 के लिए आज 9 मई को पहली उड़ा न भरी जाएगी, आज से साऊदी के लिए लोगों का जाना शुरू हो जाएगा.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

Hajj 2024: हज इस्लाम के पांच जरूरी कामों में से एक है. हर अमीर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य है. हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में इकट्ठा होते हैं. हज दुनिया भर के मुसलमानों को जाति, संस्कृति और रंग के आधार पर बिना किसी भेदभाव के एकता और भाईचारे में लाता है. आज आपको बताएंगे की आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई और किन लोगों पर ये फर्ज है. 

क्या है हज?

इस्लाम की बुनियाद पांच चीजों पर है, तौहीद (कलमा पढ़ना), नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज करना. हज पर जाने का एक निश्चित समय होता है और उस समय ही हज यात्रा पूरी मानी जाती है. हज इस्लामिक कैलेंडर के 12वें महीने की 8वीं से 12वीं तारीख के बीच होता है. यानी जब भी बकरीद (ईद उल अजहा) आती है तो उसके कुछ दिन पहले हज होता है. बकरीद के दिन हज पूरा होता है और बकरीद के बाद लोग वापस लौटने लगते हैं.

किन शर्तों के साथ हज जायज?

हज पर जाने के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं. हर उम्र का व्यक्ति हज के लिए जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक शर्त जरूर है, वो ये है कि जिस व्यक्ति पर कर्ज हो वह हज पर नहीं जा सकता. साथ ही, वह उधार के पैसे लेकर हज पर नहीं जा सकता और न ही उसके पास हराम पैसा (किसी ऐसे काम से कमाया गया पैसा जो इस्लाम में जायज नहीं है) होना चाहिए. अगर किसी पर कर्ज है तो उसे कर्ज चुकाना होगा और अगर कोई उससे नाराज है तो उससे माफी मांगनी होगी, तभी वह हज के लिए जा सकता है. 

इस्लाम में क्यों खास है हज? 

हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में इकट्ठा होते हैं. हज दुनिया भर के मुसलमानों को जाति, संस्कृति और रंग के आधार पर बिना किसी भेदभाव के एकता और भाईचारे में लाता है. हज में सभी को बराबर का दर्जा मिलता है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति हज की रस्में सच्ची और ईमानदारी से निभाता है, उसके जीवन के सभी गुनाह माफ हो जाते हैं. 

हर एक मुस्लिम पुरुष या महिला के लिए अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करना बताया गया है, लेकिन इसकी शर्त ये है कि उनके पास उताना पैसा हो जिससे वो अपने हज के साथ साथ घर पर रह गए परिवार वालों का 40 दिन का खर्चा उठा सके. 

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09 May 2024, 11:49 AM IST

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