Hanuman Jayanti 2023: मारुती से कैसे बनें हनुमान? अगर आप भी हैं बजरंगबली के भक्त, तो जरुर जानें...
प्रत्येक मंगलवार का दिन भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी का होता है।इस दिन बजरंगबली के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप भी बजरंबली की सच्चे मन से भक्ति करते हैं,तो यह बात आपके लिए जानना बेहद जरुरी है।
हाइलाइट
- मंगलवार का दिन श्री राम के भक्त हनुमान जी का होता है। इसके साथ ही हिंदू धर्म में हनुमान जयंती के पर्व को काफी महत्व दिया जाता है।
प्रत्येक मंगलवार का दिन भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी का होता है।इस दिन बजरंगबली के भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। यदि आप भी बजरंबली की सच्चे मन से भक्ति करते हैं,तो यह बात आपके लिए जानना बेहद जरुरी है।
ये तो सभी लोग जानते ही हैं कि भगवान हनुमान जी को अनेक नामों से पुकारा जाता है। क्या कभी आप से सोचा है कि जिस भगवान की आप इतनी पूजा करते हैं उनका नाम हनुमान कैसे पड़ा। क्यों उन्हें बजरंबली के नाम से कम और हनुमान जी के नाम से अधिक पुकारा जाता है।आज हम आपको बतायेंगे कि बजरंगबली को हनुमान जी के नाम से क्यों पुकारा जाता है, क्या हैं इनके जन्म को लेकर कथाएं?
मारुति को क्यों कहा जाता है हनुमान?
धार्मिक मान्यताओँ के अनुसार माना जाता है कि जब बजरंगबली यानी मारुति को एक बार बचपन में काफी तेज भूख लगी वह भूख से व्याकुल हो रहे थे। उन्होनें इधर-उधर खाने के लिए देखा लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला ऐसे में वह अपनी माता अंजनी की भी मदद नहीं लें सकते थे, क्योंकि बजरंगबली के माता-पिता किसी काम के दैरान किसी जगह पर गए हुए थे।उस स्थिति में बजरंगबली घर पर अकेले थे।
जब बजरंगबली भूख साहन नहीं कर पाएं,तो उन्होंने आसमान में एक सूरज को चमकते हुए देखा, और वह उसे खाने के लिए सूर्य मंडल के काफी करीब पहुंच गए। उस समय सूर्य ग्रहण पड़ रहा था।उसी बीच राहु भी सूर्य को निगलने के लिए आ रहा था।जब बजरंगबली ने राहु को सूर्य की ओर जाते हुए देखा,तो उन्हें लगा कि राहु मेरा फल खाने जा रहा है।
ऐसी स्थिति में उन्होंने में राहु को वहां से भगा दिया।परेशान होकर राहु इंद्रदेव की शरण में जा पहुंचे और उनसे मदद मांगी। यह सुनकर इंद्रदेव राहु के साथ चल देते हैं। बजरंगबली सूर्य देव को जैसे ही मुंह में लेते हैं, वैसे ही इंद्रदेव बजरंगबली पर व्रज से प्रहार कर देते हैं।
जिसके कारण वह तुरंत आसमान से नीचे गिरते हुए ऊपर से आते हैं।वहीं दूसरी तरह पवन देव बजरंगबली को पकड़ लेते हैं और क्रोधित होकर पवन देव सपूर्ण संसार में चलने वाली हवा को रुक देते हैं।
जिससे लोगों में अफरा-तफरी होने लगती है।यह देख सभी देवी-देवताओं ने बजरंगबली को अनेक शक्तियां प्रदान की साथ उन्हें कुछ नाम दिए गए।जिससे उन्हें पवन पुत्र भी कहा जाता है।इन शक्तियों के प्राप्त होने से बजरंगबली को शक्तिशाली माना जाता है।