Hariyali Teej: जानिए हिंदू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व और इस दिन होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में
Hariyali Teej: जब प्रकृति सबसे हरियाली और सुंदर दिखाई देती है. यह त्योहार सारे हिंदू महिलाओं के बीच खास रूप से मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य विवाहित महिलाओं के सुख, सुरक्षा और पतिव्रत धर्म की प्रशंसा करना होता है.
Hariyali Teej: हरियाली तीज (Hariyali Teej) उत्तर भारत में मनाई जाने वाली प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह त्योहार 'श्रावण मास' के 'शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि' को मनाया जाता है, जब प्रकृति सबसे हरियाली और सुंदर दिखाई देती है. यह त्योहार सारे हिंदू महिलाओं के बीच खास रूप से मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य विवाहित महिलाओं के सुख, सुरक्षा और पतिव्रत धर्म की प्रशंसा करना होता है.
हरियाली तीज का महत्व निम्नलिखित है-
1. प्रकृति में पुनः जीवन की आशा-
हरियाली तीज को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन प्रकृति में नई हरियाली शुरू होती है, जो जीवन, उमंग और सुंदरता का प्रतीक होती है. महिलाएं इस अवसर पर पूजा और व्रत कर अपने पतियों और परिवार की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं.
2. पतिव्रता और पतियों की उपासना-
हरियाली तीज का महत्व विशेष रूप से पतिव्रता के महान सिद्धांत की प्रशंसा करने में है.महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, श्री राम-सीता और पांडवीय महिलाओं की कथाओं का पाठ करके अपने पतियों की उपासना करती हैं. वे सुंदरता, धैर्य, स्नेह, सहनशीलता और प्रेम की गुणवत्ता को समझने का संकेत मानती हैं.
3. महिला समृद्धि और सोहबत-
हरियाली तीज एक महिला-महिला की समृद्धि और मित्रता का महान उत्सव है. महिलाएं रंग-बिरंगी साड़ियों, गहनों और हरियाली पहनकर मिलकर मनाती हैं। वे स्वास्थ्य, खुशियाँ, सौभाग्य, और अपनी साम्राज्यवादिनी स्वभाव को संवारती हैं.
4. मनोरंजन और सांस्कृतिक क्रियाएं-
हरियाली तीज पर महिलाएं धामी-धाम, खेल, नृत्य और गीत आदि के माध्यम से मनोरंजन का आनंद लेती हैं. इस दिन उनके लिए विशेष आयोजन होते हैं जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले शामिल होते हैं.
इस प्रकार, हरियाली तीज महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है जो प्रकृति, पतिव्रता, महिला समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत की महिमा को मनाता है.