Sawan 2024 Jyotirlinga: आज से सावन की शुरुआत हो रही है. ये काफी खास और पावन महीना माना जाता है. ऐसे में अगर आप देश के मौजूद 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहते हैं. लेकिन किसी कारणवश नहीं जा सकते तो हम आपके लिए घर बैठे लेकर आए हैं सावन के पहले सोमवार का खास वीडियो. जिसमें आप महादेव के दर्शन घर बैठे कर सकते हैं.
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मौजूद है. जिसे 12 ज्योतिर्लिंग में पहला स्थान दिया गया है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्र देव ने किया था. यहां शिव जी के दर्शन मात्र ही सभी मनोकामना पूरी हो जाती है.
आज के दिन आप आंध्र प्रदेश में स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें. इस मंदिर को दक्षिण भारत का कैलाश भी कहते हैं. यहां शिवलिंग में शिव-शक्ति दोनों विराजित हैं.
सवान के पहले सोमवार के दिन यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें. ये शिवलिंग सप्तपुरियों में से एक है. कहते हैं इनके दर्शन मात्र से लोगों को मोक्ष मिल जाता है.
आज के दिन आप मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकाल के दर्शन करें. यहां पर कुंभ मेले का आयोजन भी होता है. यह एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है.
सावन के पहले दिन आप मध्य प्रदेश के इंदौर से थोड़ी दूर पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करें. यह शिवलिंग ऊं के आकार में बना हुआ है.
सावन के पहले दिन उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ के दर्शन करें. यहां के कपाट अप्रैल माह में खुलते हैं और नवंबर माह में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं. महाभारत के समय यहां शिव जी ने पांडवों को बेल रूप में दर्शन दिए थे.
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित शिवलिंग को मोटेश्वर महादेव भी कहते हैं. कुंभकर्ण का एक पुत्र था भीम. उसने तप करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और वरदान पाकर देवताओं को पराजित करना शुरू कर दिया था.
महाराष्ट्र के नासिक में स्थित शिवलिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों विराजित हैं. गौतम ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव जी यहां विराजित हुए थे.
यह ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. इस स्थान पर रावण ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न के लिए अपने 9 सिरों को काटकार शिव जी को अर्पित कर दिया था.
यह ज्योतिलिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है. शिवपुराण के अनुसार शिवजी का एक नाम नागेशं दारुकावने भी है. नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर.
शिव पुराण के अनुसार रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का निर्माण स्वयं भगवान श्रीराम ने किया था. भगवान राम के द्वारा बनाए जाने के कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम रामेश्वरम पड़ा.
First Updated : Monday, 22 July 2024