क्या इंद्रदेव के श्राप से महिलाओं को होता है मासिक धर्म? जानें पीरियड्स के पीछे की पौराणिक कथा

Health Tips: मासिक धर्म महिलाओं के लिए एक सामान्य प्राकृतिक स्थिति है, जिसे लगभग हर महिला को एक निश्चित अवधि के बाद सहना पड़ता है. मासिक धर्म (पीरियड्स) पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अलग-अलग है, लेकिन हिंदू धार्मिक ग्रंथों में इसके बारे में एक पौराणिक कथा है तो आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण...

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Women Periods: मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण जैविक हिस्सा है, जो हर महीने होता है. वैज्ञानिक दृष्टि से यह महिलाओं के गर्भधारण के लिए आवश्यक प्रक्रिया है. वहीं, हिंदू धर्मग्रंथों में इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. बता दें कि भागवत पुराण के अनुसार, एक बार देवगुरु बृहस्पति इंद्रदेव से नाराज हो गए. इस अवसर का लाभ उठाते हुए असुरों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया और इंद्रलोक पर कब्जा कर लिया. इंद्रदेव को अपना स्वर्ग छोड़कर भागना पड़ा. सहायता के लिए उन्होंने ब्रह्मा जी की शरण ली.

आपको बता दें कि ब्रह्मा जी ने समाधान बताया कि इंद्रदेव को किसी ब्रह्मज्ञानी की सेवा करनी होगी. इंद्रदेव ने ऐसा ही किया, लेकिन अनजाने में उन्होंने एक ऐसे ब्रह्मज्ञानी की सेवा की जिनकी माता असुर थी. इस कारण इंद्रदेव द्वारा अर्पित सामग्री असुरों को प्राप्त हो रही थी. जब इंद्रदेव को इस धोखे का पता चला, तो उन्होंने क्रोध में आकर उस ब्रह्मज्ञानी की हत्या कर दी. इससे इंद्रदेव को ब्रह्म हत्या का दोष लग गया.

विष्णु जी ने बताया पाप मुक्ति का उपाय

बता दें कि इस पाप से मुक्ति पाने के लिए इंद्रदेव ने भगवान विष्णु की तपस्या की. भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर कहा कि उन्हें अपने पाप को चार भागों में बांटना होगा. इसके लिए इंद्रदेव ने पेड़, जल, भूमि और स्त्री को अपने पाप का हिस्सा लेने के लिए राज़ी किया.

स्त्रियों को मिला मासिक धर्म का श्राप

वहीं आपको बताते चले कि स्त्रियों ने इंद्रदेव का पाप स्वीकार किया, जिसके बदले में उन्हें मासिक धर्म होने का श्राप मिला. हालांकि, इंद्रदेव ने वरदान दिया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कई गुना अधिक आनंद प्राप्त कर सकेंगी.

धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

इसके अलावा आपको बता दें कि पौराणिक मान्यता के अनुसार, स्त्रियां आज भी ब्रह्म हत्या के पाप को मासिक धर्म के रूप में भुगत रही हैं, इसलिए उन्हें इस दौरान मंदिर में प्रवेश वर्जित होता है. वहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो मासिक धर्म महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हर माह गर्भधारण के लिए शरीर को तैयार करता है.

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16 January 2025, 09:20 AM IST

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